न्यूज डेस्क
दिल्ली चुनाव में बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही बीजेपी हर हाल में दिल्ली की सत्ता को अपना करना चाहती है। इसके लिए बीजेपी नेता विवादित बयानों से परहेज करना भी छोड़ दिया है।
मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भले ही बजट में देश की जनता को कुछ खास न दें पाएं हो लेकिन दिल्ली की जनता को ‘देश के गद्दारों को गोली मारो…’ जैसे नारे दे रहे हैं। इतनी ही नहीं पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शाहीन बाग को करंट पहुंचाने की अपील कर चुके हैं।
वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव रैली के दौरान भडकाऊ भाषण के आम आदमी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। उनके ‘बोली से नहीं माने तो गोली से तो मान जाएंगे’ वाले बयान पर आप नेता संजय सिंह ने तो उनकी गिरफ्तारी की मांग कर डाली है। लेकिन चुनाव में जीत दिलाने के इरादे से उतरे नेताओं को किसी का डर नहीं है। विवादित बयान देने के लिए बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा को 96 घंटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुरको 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित लग चुका है।
दूसरी ओर चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी नेता ये विवादित बयान चुनावी रणनीति के हिसाब से दें रहे हैं, जिसका उन्हें फायदा भी मिल रहा है। हाल में बीजेपी के आंतरिक सर्वे में सामने आया है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन की पहचान बन चुका शाहीन बाग आंदोलन दिल्ली में मुख्य मुद्दा बन गया है। और इसका फायदा बीजेपी को भी मिल रहा है। सर्वे में बताया गया है कि चुनाव में बीजेपी की 30 से 35 सीटें आ सकती है।
बीजेपी नेताओं विवादित बयानों से बने तनाव वाले माहौल के बीच आज से पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के चुनावी रण में उतरने वाले हैं। पीएम के मैदान में उतरने के बाद माना जा रहा है कि दिल्ली की जंग रोचक हो जाएगी। बीजेपी नेताओं का मानना है कि इस रैली के बाद दिल्ली की हवा बदल सकती है। सर्वे के अनुसार, अबतक विरोधियों पर बढ़त बनाए हुए सीएम अरविंद केजरीवाल पर पीएम निशाना साध सकते हैं।
पीएम की रैली को लेकर आज कई अखबारों में बीजेपी ने विज्ञापन दिया है जिसमें उन्हें जननायक की संज्ञा दी गई है। बीजेपी के सबसे भरोसेमंद चेहरे के मैदान में उतरने के बाद अब यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वह केजरीवाल के व्यूह को तोड़ पाएंगे। 2015 के चुनाव में भी पीएम ने दिल्ली में रैलियां की थीं लेकिन उसका ज्यादा फायदा बीजेपी को नहीं मिल पाया और केजरीवाल ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद आज मोदी पहली चुनावी रैली को संबोधित करने वाले हैं। यह रैली ईस्ट दिल्ली के कड़कड़डूमा इलाके में स्थित सीबीडी ग्राउंड पर आयोजित की गई है। हालांकि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह इस रैली में मौजूद नहीं रहेंगे। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय रैली का पूरा प्रबंधन संभाल रहे हैं।
बीजेपी नेताओं ने बताया कि सीबीडी ग्राउंड में होने वाली रैली में पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सभी 20 विधानसभाओं के प्रत्याशी भी मौजूद रहेंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद मनोज तिवारी और ईस्ट दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर भी शामिल होंगे।
मोदी की इस रैली में करीब 40 से 50 हजार लोगों के इकट्ठा होने की तैयारी की गई है। आस-पास के इलाकों से जहां लोग छोटी-छोटी टोलियों में पैदल ही चलकर सीबीडी ग्राउंड पहुंचेंगे, वहीं दूरदराज के इलाकों के लोगों को लाने ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है।
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी दोपहर 3 बजे के करीब हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचेंगे, ताकि ट्रैफिक प्रभावित ना हो। सोमवार के बाद मंगलवार को भी मोदी वेस्ट दिल्ली के द्वारका में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान गुरुवार की शाम को थम जाएगा। इसीलिए बीजेपी इन बचे हुए चार दिनों में अपनी पूरी ताकत प्रचार में झोंकने वाली है। ऐसे में सबकी नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर टिकी हैं कि क्या वे अन्य नेताओं के जैसे शाहीन बाग पर बोलेंगे या फिर विकास और केजरीवाल पर बोलेंगे।