अविनाश भदौरिया
आज बापू का 72वां शहादत दिवस है। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने बापू की हत्या कर दी थी। देश की राजधानी दिल्ली में आज हुई एक घटना ने एकबार फिर 72 वर्ष पूर्व की इस घटना की याद को ताजा कर दिया है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च के दौरान एक व्यक्ति ने फायरिंग की। इस युवक ने पुलिस के सामने कई देर तक हवा में बंदूक लहराई और बाद में गोली चला दी। फायरिंग में एक युवक घायल हो गया है।
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चश्मदीदों के मुताबिक युवक पिस्तौल लहराकर यह कह रहा था कि तुम्हें आजादी चाहिए, मैं देता हूं आजादी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि युवक गोली चलाने के दौरान भारत मां की जय, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद और वंदे मातरम के नारे लगा रहा था।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। लोग जामिया में गोली चलाने वाले युवक की तुलना नाथूराम गोडसे से कर रहे हैं।
मोहम्मद रेयाज लिखते हैं कि, आज ही के दिन #महात्मा_गांधी की हत्या की थी भारत के प्रथम आतंकवादी #नाथूराम_गोडसे ने आज उन्ही के चेले उसी राह पर पर दंगाई पुलिस के सामने
आज ही के दिन #महात्मा_गांधी की हत्या की थी भारत के प्रथम आतंकवादी #नाथूराम_गोडसे ने आज उन्ही के चेले उसी राह पर पर दंगाई पुलिस के सामने #Jamia #MahatmaGandhi
— Muhammad Reyaz محمد ریاض (@mdrz98) January 30, 2020
पुलिस पर उठ रहे सवाल
फायरिंग करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। गोली चलाने वाले शख्स ने अपना नाम गोपाल बताया है। सबसे हैरानी करने वाली बात यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के व्यवस्था के बाद भी गोली चली ? पूरे मार्च वाले इलाके में भारी मात्रा में पुलिस बलों की तैनाती है फिर भी आरोपी युवक ने खुलेआम बंदूक से गोली चलाई। युवक ने पुलिस के सामने बंदूक लहराते हुए गोलियां चलाईं। प्रदर्शनकारी एक छात्र के हाथ में यह गोली लगी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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