जुबिली न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कुछ गण्यमान्य लोगों से बातचीत के दौरान अपने विचार साझा किए।
सीएए को लेकर गण्यमान्य लोगों की ओर से कई सवालों को संघ प्रमुख यह कहकर टाल गए कि यह राजनीतिक मसला है, इस पर उन्हें कुछ नहीं कहना।
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हालांकि उनका मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मुसलमानों को उनके समाज के लोग ही डरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून के प्रारूप पर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। इस डर और भ्रम को दूर करने के लिए मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों को ही आगे आना होगा।
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उन्होंने जाति व वर्ग विभेद को समाज के लिए अभिशाप बताया। उन्होंने कहा कि इस विभेद के चलते ही दलितों की लंबे समय तक उपेक्षा हुई है। विभेद का कोई यथोचित तर्क नहीं है, इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
बातचीत में उन्होंने कहा कि समाज के विकास में सभी वर्ग के लोगों को अपना स्थान सुनिश्चित करना चाहिए। आमदनी का एक हिस्सा समाज पर खर्च करना चाहिए।
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