न्यूज डेस्क
दिल्ली में कुछ दिनों पहले तक भारतीय जनता पार्टी के पास आम आदमी पार्टी की काट के लिए कोई मुद्दा नहीं सूझ रहा था। केजरीवाल का पांच साल का कामकाज सभी राजनैतिक दलों पर भारी पड़ रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। दिल्ली चुनाव में मुद्दे बदल गए हैं। विकास की जगह राष्ट्रवाद और हिंदू-मुस्लिम ने ले लिया है।
नागरिक संसोधन कानून या यह कहें कि मोदी सरकार के खिलाफ शहीन बाग में डेढ़ माह से चल रहे प्रदर्शन को ही बीजेपी ने अपना हथियार बना लिया है। पहले ऐसी उम्मीद जतायी जा रही थी कि यह आंदोलन बीजेपी को नुकसान पहुंचायेगी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब सारे समीकरण बदल चुके हैं।
अब अनुमान जताया जा रहा है कि शाहीन बाग के इस विरोध-प्रदर्शन से भाजपा को चुनाव में फायदा हो सकता है। पार्टी के आंतरिक सर्वे में भाजपा को इस चुनाव में 35 सीटें मिलने की उम्मीद की जा रही है। यदि ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए यह एक बड़ी बात होगी, क्योंकि पिछले 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी मात्र तीन सीटों पर सिमट कर रह गई थी।
बीजेपी ने किस तरह शाहीन बाग को मुद्दा बनाया यह किसी से छिपा नहीं है। बीजेपी नेता लगातार शाहीन बाग के प्रदर्शन को भुना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आंतरिक मामलों को नजदीक से देख रहे नेताओं के मुताबिक शाहीन बाग में 45 दिन से धरना जारी है। इस वजह से शहर का एक प्रमुख रोड पूरी तरह ब्लॉक हो गया है। इसका असर दूसरी सड़कों पर जाम के रुप में दिख रहा है। ऐसे में आम लोग प्रदर्शनकारियों के विरोध में आक्रोशित हो रहे हैं।
बीजेपी नेताओं के मुताबिक सीएए के विरोध में शाहीन बाग और देश के अन्य हिस्से में धरने को लेकर ‘नकारात्मक धारणा’ भी फैल रही है। नेताओं ने यह भी दावा किया कि जैसे-जैसे चुनाव के समय नजदीक आएंगे, बीजेपी की रैलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
दिल्ली बीजेपी प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष सिसोदिया और उनकी पार्टी का शाहीन बाग के साथ खड़े रहने के बयान से उन्हें मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “यह सच है कि हम चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग शाहीन बाग की मानसिकता पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को एक नोट भेजा है और कहा है कि संसद सत्र के दौरान दिन का आधा समय सदन में बिताएं और उसके बाद दिल्ली में रहने वाले अपने समुदाय और क्षेत्र के लोगों के बीच। यह नोट खासकर के उत्तर प्रदेश, बंगाल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अन्य राज्यों के सांसदों को भेजा गया है। कर्नाटक के प्रभारी के मुरलीधर राव, आंध्र प्रदेश के प्रभारी सुनील देवधर, त्रिपुरा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन सभी दिल्ली में कैंप कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में बीजेपी नेताओं ने किस तरह शाहीन बाग प्रदर्शन को भुनाया है किसी से छिपा नहीं है। नेता लगातार इसे भुनाने में लगे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, गिरिराज सिंह, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा समेत कई नेताओं ने विवादित बयान दिया है।
सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली चुनाव को लेकर एक जनसभा में कहा कि कहा कि कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ वह दिल्ली में भी हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि शाहीन बाग में लाखों सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी घरों में घुस सकते हैं और महिलाओं से बलात्कार कर सकते हैं। निर्णय आप लोगों को करना है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के लिए लोगों को कौन भड़का रहा है? सरकार बार-बार यह कह रही है कि संशोधित कानून की वजह से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सांसद वर्मा ने एक चुनावी रैली में कहा था कि 11 फरवरी की रात को ही शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल को खाली करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी चुनावों में जीतती है तो उनके संसदीय क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने 40 मस्जिद, कब्रिस्तान और ‘मजारों’ को साफ कर दिया जाएगा। हालांकि वर्मा के इस बयान पर चुनाव आयोग कार्रवाई भी कर सकती है।
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