न्यूज डेस्क
पिछले दिनों अमेजन के जेस बेसोफ चर्चा में थे। दरअसल उनका फोन हैक होना था और इसमें सउदी अरब का हाथ था, ऐसी चर्चा थी। इस बार चर्चा में अमेजन के कर्मचारी हैं।
26 जनवरी को अमेजन के सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी ही कंपनी की संचार नीति का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन रिटेल दिग्गज के पर्यावरण रिकॉर्ड की खुलकर आलोचना की।
अमेजन के 300 से अधिक कर्मचारियों ने अमेजन एम्प्लॉइज फॉर क्लाइमेट जस्टिस (एईसीजे) की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हस्ताक्षर कैंपेन में हिस्सा लिया।
दरअसल सितंबर 2019 में अमेजन ने पर्यावरण के मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए एईसीजे शुरू किया था जिसका काम है कंपनी को पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने के लिए प्रेरित करना।
अमेजन कर्मचारियों ने पर्यावरण पर ध्यान ना देने का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक रूप से कंपनी की आलोचना की है। कंपनी के नियम तोडऩे पर इन सदस्यों को निकालने की धमकी दी है। एईसीजे ने कहा, “कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन पर्यावरण के मुद्दे पर सबसे बड़ी कार्रवाई है। जलवायु संकट में अमेजन की भूमिका के बारे में बताने पर कंपनी ने कर्मचारियों को धमकी देना शुरू कर दिया है।”
वहीं अमेजन कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी की पर्यावरण को लेकर क्या भूमिका है इस पर बोलना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन संचार विभाग हमें जिम्मेदारी निभाने से रोक रहा है।
जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर जब सार्वजनिक तौर पर किसी कंपनी की गतिविधियों की चर्चा हो और सवाल पूछे जाएं तब कर्मचारियों से ऐसे विरोध प्रदर्शनों पर लगाम लगाने को कहा जाना अपेक्षित प्रतिक्रिया है।
अमेजन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी में 2018 तक करीब छह लाख स्थाई कर्मचारी थे। कर्मचारियों ने इस विरोध प्रदर्शन के जरिए जलवायु परिवर्तन के कई मुद्दों पर कंपनी का ध्यान दिलाया। अमेजन की अन्य गतिविधियों जैसे तेल क्षेत्र में कंपनी का कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल भी आलोचनाओं के घेरे में है।
दरअसल अमेजन कार्बन फुटप्रिंट बढ़ाने की वजह से भी पर्यावरणविदों के निशाने पर है। इसकी क्लाउड कंप्यूटिंग गतिविधियों के लिए सर्वर ऊर्जा की भारी खपत होती है। तेजी से उत्पादों को पहुंचाया जाए इसके लिए कंपनी ने विशाल सड़क परिवहन नेटवर्क का निर्माण किया, जो ग्रीनहाउस गैसों को पैदा कर रहा है। यही गैसें जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानी जाती हैं।
वहीं अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने पिछले साल 19 सितंबर को पर्यावरण को सुरक्षित करने में योगदान देने का वादा किया था। उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि फर्म 2040 तक कार्बन न्यूट्रल होगी, लेकिन कंपनी के ही एईसीजे समूह के मुताबिक यह कदम पर्याप्त नहीं और इसके लिए अमेजन को 2030 का लक्ष्य रखना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर अमेजन की तरफ से अब तक कोई बयान नहीं आया है। जबकि कर्मचारियों का कहना है कि यह आवाज दबाने का समय नहीं है बल्कि हमें ऐसी नीतियों का स्वागत करने की जरूरत है जो क्लाइमेट चेंज और इसके कारणों पर खुलकर बात कर सकें।
हालांकि अमेजन के संस्थापक बेजोस के ही मीडिया संस्थान वाशिंगटन पोस्ट ने अमेजन के प्रवक्ता ड्रे हेरडेनर के हवाले से लिखा है कि अमेजन कर्मचारियों के विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन कंपनी तक बात पहुंचाने के लिए उसी के प्लेटफार्म का इस्तेमाल होना चाहिए, सार्वजनिक तौर पर नहीं।
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