न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव की घड़ी जैसे जैसे नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग भी बढ़ती जा रही है। भले ही इस चुनाव में आप और बीजेपी के बीच ही तीखी जंग चल रही हो लेकिन जुबानी जंग तो ‘चाणक्य बनाम चाणक्य’ में भी जारी है। दरअसल यहां ‘चाणक्य बनाम चाणक्य’ का मतलब अमित शाह और प्रशांत किशोर से है।
दिल्ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर लगातार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमलावर हो रहे हैं। बीते रविवार को अमित शाह के दिए गये बयान पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जोर का झटका धीरे से ही लगना चाहिए।
जीडीयू नेता और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया कि, ‘दिल्ली में आठ फरवरी को ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा। जोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में ना पड़े।’ इसके अलावा उन्होंने चार मुद्दों पर भी ट्वीट किया। इसमें उन्होंने Justice, Liberty, Equality & Fraternity को लिखा।
8 फ़रवरी को दिल्ली में EVM का बटन तो प्यार से ही दबेगा। ज़ोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द ख़तरे में ना पड़े।
Justice, Liberty, Equality & Fraternity 🇮🇳
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 27, 2020
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली के बाबरपुर में जनसभा की थी। इस बीच उन्होंने कहा था कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। सीएए का विरोध करने वाले नेताओं ने दिल्ली में दंगे करवाए और लोगों को गुमराह करने का काम किया।
इसके अलावा अमित शाह ने दिल्ली में अपनी कई रैलियों के दौरान शाहीन बाग का मामला उठाया है। साथ ही विपक्ष पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब पीके ने अमित शाह के बयान पर पलटवार किया हैं। इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने अमित शाह को चैलेंज दिया था कि वो देश में सीएए, एनआरसी को अपनी क्रोनोलॉजी के अनुसार लागू करने का चैलेंज दिया था। अमित शाह ने यह बयान दिया था कि कोई कितना भी विरोध कर ले, लेकिन सरकार इस कानून पर पीछे नहीं हटने वाली।