प्रांशु मिश्र
दो दिन से दिल्ली में हूँ..काम के बीच सियासी जायजा भी लिया जा रहा है..ओला उबर चालकों से लेकर होटल ढाबो पर नौकरी करने वाले लोगों तक से बातचीत..
पत्रकार साथियों से फीडबैक और राजनीतिक लोगों से गुफ्तगू..निचोड़ यह कि .. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का माहौल मजबूत लग रहा, केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी जैसे बुनयादी सवालों पर किये गए काम अपना असर दिखा रहे हैं..महिलाओं के DTC बसों में मुफ्त यात्रा भी एक आप के पक्ष में एक पोसिटिव पहलू है.
इसके साथ साथ CM के लिए केजरीवाल के समक्ष विपक्षी दलों से कोई गंभीर चेहरा भी नहीं है। आप का काम करने का आना एक स्टाइल भी है.. हवा हवाई प्रचार न करके, जमीनी स्तर पर कनेक्ट। किस इलाके में किस टीम को भेजना है। किस इलाके की क्या खास दिक्कत है। वोटर लिस्ट पर माइक्रो लेवल तक काम और तमाम कामों को करने के लिए वालन्टियर की मजबूत टीम।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। बीजेपी के पास प्रधानमंत्री मोदी के रूप में एक ऐसा बड़ा चेहरा है जिसकी अपनी एक मास अपील है और सबसे बड़े सियासी हथियार के तौर पर वह CAA का इस्तेमाल कर रही है।
कोशिश की जा रही है कि नागरिकता कानून के सवाल पर धार्मिक आधार पर एक मजबूत ध्रुवीकरण किया जाए। शाहीन बाग में चल रहे आंदोलन को इस ध्रुवीकरण का केंद्र बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
शाहीन बाग के पक्ष और विपक्ष के नाम पर कहीं न कहीं मुस्लिम बनाम हिन्दू माहौल बनाने की कोशिश है।
बयान शुरू हो ही गए हैं..भाजपा के कपिल मिश्र ने कहा कि यह चुनाव भारत पाकिस्तान के बीच का चुनाव है। इसपर खूब हंगामा हुआ। और अभी तो यह शुरुआत है..प्रचार के असल रफ्तार 26 जनवरी के बाद शुरू होगी।
फिलहाल आप के बड़े नेता रणनीति के तहत ऐसे बयानों से परहेज कर रहे जिनसे फोकस सरकार के बुनयादी कामों से हटकर CAA या धार्मिक सवालों पर जाए। यानी वो उस ट्रेप में नहीं फसाना चाहते, जो वह समझते हैं कि BJP ने बिछाया है।
कब तक नहीं फसेंगे यह बड़ा सवाल है। चर्चा है कि चुनाव की तारीख यानि 8 फरवरी से पहले शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस कोई बड़ा कदम उठा सकती है..। ऐसा इसलिए ताकि आप और कांग्रेस सहित अन्य दलों को खुल कर स्टैंड लेना पड़े। और यह मुद्दा बाकी तमाम मुद्दों पर छा जाए।
मेरी हाल की एक पोस्ट में मैंने लिखा था कि BJP शाहीनबाग और उसके जैसे दूसरे आंदोलनों को फिलहाल इसलिये डिस्टर्ब नहीं कर कर रही क्योंकि वह इनके जरिए एक लार्जर हिन्दू पोलराईजेशन की संभावना देख रही है।
उस पोस्ट से कुछ लोग सहमत नहीं थे..दिल्ली आकर देखिये..समझ आएगा।
तो अभी चुनाव में लगभग 2 सप्ताह हैं। आगे आगे देखिए होता है क्या..लेकिन फिलहाल आप का मामला खासा मजबूत दिखाई पड़ रहा….
(लेखक CNN-News18 के पत्रकार हैं , यह टिप्पणी उनकी फेसबुक वाल पर है)