न्यूज डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस वर्ष 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसी की कोशिश के तहत वह जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने पर जोर दे रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार यूपी के दौरे कर रही हैं। इसी रणनीति के तहत सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंची हैं।
गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले यूपी के रायबरेली जिले में नवनियुक्त जिला कांग्रेस नेताओं के लिए आयोजित शिविर में पहुंचे नेता उस समय हतप्रभ रह गए जब उन्हें एक पुस्तिका दी गई। यह पुस्तिका बीजेपी के वैचारिक थिंकटैंक आरएसएस के बारे में थी।
इस पुस्तिका का उद्देश्य सियासी जंग में उतरने से पहले कांग्रेस नेताओं को अपने राजनीतिक शत्रु आरएसएस के बारे में अवगत कराना था ताकि वे उसका आसानी से मुकाबला कर सकें। कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी चाहती है कि उसके नेता अपने वैचारिक शत्रु आरएसएस के बारे में हर बात जान लें ताकि वे बीजेपी और आरएसएस के हर हमले का करारा जवाब दे सकें।
उधर, कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का कहना है कि इस छोटी सी पुस्तक में आरएसएस के चैप्टर को अलग करके न देखें, इसे इतिहास और विचारधारा के स्तर पर तरोताजा करने के लिहाज से देखना चाहिए।
एक कांग्रेस सदस्य ने कहा , ‘यह रणनीति अनजाने में एक पुरानी चीनी कहावत पर आधारित है जिसमें कहा गया है कि यदि आप अपने शत्रु और खुद को बेहतर तरीके से जानते हैं तो आप सैकड़ों लड़ाइयां जीत सकते हैं।’
कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ‘इस किताब में आरएसएस के उद्भव, उसके विचारकों जैसे सावरकर और गोलवरकर के बारे में है। इसके अलावा आरएसएस से जुड़े संगठनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दुर्गा वाहिनी और भारत विचार केंद्र के बारे में भी विवरण है।’
बता दें कि बुधवार को सोनिया गांधी और प्रियंका की मौजूदगी में कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। सूत्रों ने बताया कि दोनों ही शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस के जिला नेताओं को मिशन 2022 के बारे में याद दिलाया। एक कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, ‘कांग्रेस के समर्थन में आवाज उठने लगी है…हमें इस आवाज को मजबूत बनाना है और भावना में तब्दील करना है ताकि वर्ष 2022 में जन समर्थन मिल सके।’
सोनिया और प्रियंका गांधी नें इस संयुक्त बैठक में एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिस्थितियों पर न सिर्फ गहन चिंतन और मंथन किया। बल्कि कांग्रेस के संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने की रणनीति के साथ ही, अब किसानों के मुद्दों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले जाने का ऐलान कर दिया। साथ ही किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक और ब्लाक से लेकर राजधानी तक प्रर्दशन किये जाने की रूपरेखा भी तय कर दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी नें एक ओर जहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सबसे पहले किसानों के घर जाकर और नुक्कड सभाएं कर उनकी पीड़ा सुनने का निर्देश दिया है। तो वहीं दूसरी ओर किसानों से किसान मांग पत्र भराकर उनके इस मांग पत्र के आधार पर ब्लाँक, तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों का भी घेराव करने का निर्देश दे दिया। साथ ही इस संयुक्त बैठक में किसान आंदोलन के अंतिम चरण में राजधानी लखनऊ में विशाल किसान आक्रोश मार्च के जरिये सूबे की सत्ताधारी योगी सरकार को भी घेरने का ऐलान कर दिया है।