स्पेशल डेस्क
लखनऊ। सीएए-एनआरसी ये दो शब्द ऐसे हैै जो आजकल हर भारतीयों की जुबा पर है। कुछ लोग इस शब्द के बारे में जानते है तो कुछ लोग अपने तरीके से इसका मतलब निकाल रहे हैं। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लेकर पूरे भारत में बवंडर मचा हुआ है। सरकार और विपक्ष दोनों इस कानून को लेकर आमने-सामने हैं।
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आलम तो यह है कि कुछ लोग इस कानून के विरोध में खुलकर सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं सीएए और एनआरसी की आंच अब पूरे देश में आग की तरह फैल रही है।
लोग सडक़ो पर उतरकर इस पर बवाल कर रहे हैं। दूसरी ओर सरकार इस कानून को लागू करने की बात कह रही है। सरकार अपने कदम का बचाव कर रही है लेकिन जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनके खिलाफ भी प्रशासन एक्शन लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
सीएए और एनआरसी को लेकर बीते दिनों सडक़ पर खूब बवाल हुआ और पुलिस ने विरोध करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और कई लोगों को अपनी गिरफ्त में भी लिया। उधर दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लंबे वक्त से प्रदर्शन चल रहा है।
अब इसी की तर्ज पर बीते चार दिनों से यूपी की राजधानी लखनऊ में इसी तरह का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
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पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन इसलिए अहम है क्योंकि इस समय लखनऊ में कड़ाके की ठंड पड़ रही लेकिन इसके बावजूद सोमवार को चौथे दिन प्रदर्शन जारी रहा है। खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं।
इस प्रदर्शन में उनके साथ बच्चे भी शामिल है। हालांकि प्रशासन इसे खत्म करने के लिए जोर लगा रहा है लेकिन अभी तक कामयाब नहीं हो पाया है।
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लोगों की हाथों में तख्ती है और उसपर लिखा है-तानाशाह आकर जाएंगे, हम कागज नहीं दिखाएंगे। धरने में जीन्स पहने एक छोटी सी बच्ची हाथ में बैनर लिए है-जिन्दा रहे तो वतन मुबारक नहीं रहे तो कफन मुबारक।
इन महिलाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साफ कर दिया है कि जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लिया जाता है तब तक उनका धरना खत्म नहीं होगा। पुलिस ने इन महिलाओं को रोकने के लिए कई हथकंडे अपना रही है।
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आरोप है कि पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए रात में पहुंचकर उनसे कंबल छीन लिए और वह खाने पीने का सामान भी अपने साथ ले गई। हालांकि इसपर पुलिस ने सफाई दी है। दूसरी ओर इस घटना के बाद महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल भेंट कर अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया है।
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इन महिलाओं को और बल तब मिल रहा है जब इनके साथ धरने में सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। कुछ लोग वहां पहुंचकर धरना देने वाली महिलाओं को को खाने पीने का सामान दे रहे है।