न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोग सीएए और एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। वहीं केरल में एक मुस्लिम परिवार ने मस्जिद में हिंदू शादी की मेहमानवाज़ी कर मिसाल कायम की है।
मामला केरल के अलाफूजा जिले के चेरुवल्ली स्थित जुमा मस्जिद का है। रविवार को यहां पारंपरिक हिंदू रीति रिवाज से शादी हुई। मस्जिद कमिटी ने शादी संपन्न होने के बाद खास भोज का भी आयोजन किया था, जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मुस्लिम समाज के इस कदम की तारीफ की है।
दरअसल, अंजू (22) के पिता की दो साल पहले एक हादसे में मौत हो गई थी, जिसके बाद उसकी मां बिंदु बेटी की शादी के लिए काफी परेशान थी। घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण शादी के लिए खर्चों का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। ऐसे में बिंदु ने बेटी की शादी के लिए स्थानीय मस्जिद से आर्थिक मदद मांगी। मस्जिद ने भी पूरी मदद का भरोसा दिया था। अंजू की शादी 19 जनवरी को सरथ से तय हुई थी।
रविवार को शादी के लिए मस्जिद में फूलों की सजावट की गई। अंदर ही मंडप बनाया गया और मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। पूरे हिंदू रीति रिवाज से अंजू और सरथ की शादी हुई. शादी के बाद मेहमानों के लिए मस्जिद में ही भोज रखा गया। सभी लोगों को शाकाहारी व्यंजन परोसे गए। इस शादी में दोनों समुदाय की तरफ से करीब एक हजार लोग शामिल हुए।
दुल्हन को दिए सोने के जेवरचेरुवल्ली जमात कमेटी के सचिव नुजूमुद्दीन अल्लूमोटिल ने बताया कि कमेटी ने दुल्हन को सोने के 10 जेवर और 2 लाख रुपये उपहार में दिए।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मुस्लिम समाज के इस कदम की तारीफ की है। सीएम ने नई जोड़े को फेसबुक पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने जमात के लोगों की भी प्रशंसा की है।
अंजू और सरथ की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। शादी के कार्ड में जमात समिति ने कहा था है कि वह परिवार के अनुरोध पर शादी का आयोजन कर रही है। सभी लोगों को इस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया गया था। अब सोशल मीडिया यूजर्स इस नए जोड़े को बधाई दे रहे हैं, वहीं मुस्लिम जमात के इस कदम की तारीफ भी कर रहे हैं।