न्यूज डेस्क
अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी जारी है। लेकिन विश्वयुद्ध की हो रही चर्चाओं के बीच अब ईरान में गृहयुद्ध होने की चर्चा ज्यादा होने लगी है। उसकी वजह है युक्रेन का वो यात्री विमान, जो ईरान की गलती से क्रैश हो गया और उसमें सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई।
गौर करने वाली बात यह है कि ईरान ने पहले विमान हादसे की वजह तकनीकी खामी बताया था लेकिन बाद में उसने प्लेन को मार गिराने की बात कबूली थी। अब इस बात को लेकर वहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस बीच तेहरान में यूक्रेन के यात्री विमान को मार गिराने के मामले में ईरान ने उस शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने प्लेन को मिसाइल द्वारा हिट किए जाने का फुटेज दिखाया था। बताया जा रहा है कि वीडियो बनाने वाले शख्स पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े आरोप लगाए जा सकते हैं।
दूसरी ओर खबरों की माने तो यूक्रेन के यात्री विमान पर दो मिसाइलों से हमला किया गया था। अमेरिकी अखबार ने इस रिपोर्ट की तस्दीक में कैमरों के फुटेज भी छापे हैं जिनमें विमान को हिट करने से पहले दो मिसाइलें दिख रही हैं।
बता दें कि बीते बुधवार को यूक्रेन इंटरनैशनल एयरलाइंस के विमान को उड़ान भरने के तुरंत बाद मिसाइल से मार गिराया गया था जिसमें चालक दल समेत 176 यात्रियों की मौत हो गई थी। पहले तो ईरान हादसे के बाद शुरुआत में अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था। उसने कई दिनों तक पश्चिमी देशों के उन दावों को खारिज किया जिनमें आरोप थे कि बोइंग 737 को मिसाइल से मार गिराया गया था।
पिछले शनिवार को उसने इस विमान को मार गिराने की बात कबूल की थी। यही नहीं उसने इस हादसे के दोषियों को गिरफ्तार करने की भी बात कही थी। रिपोर्टों में कहा गया था कि हादसे के सिलसिले में 30 गिरफ्तारियां हुई हैं लेकिन ईरान के झूठ की पोल खोलने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी से उसकी कार्रवाइयों पर सवाल भी उठ रहे हैं।
यूक्रेन के विमान को मार गिराने की बात से ईरान के मुकरने के शुरुआती कदम के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। यहां तक कि ईरान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग भी किया था। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले भी दागे थे।
इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह प्रदर्शनकारियों की हत्या की कोशिश न करे अन्यथा नतीजे भुगतने पड़ेंगे। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी ईरान से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कदम नहीं उठाने का आह्वान किया था।