न्यूज डेस्क
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी वेबसाइट जल्द ही लांच करने वाले हैं। इस वेबसाइट के जरिये वो न सिर्फ युवा पीढ़ी से जुड़ेंगे बल्कि अपने बारे में भी लोगों को रुबुरु कराएंगे।
भले ही तेज प्रताप अपने भाई तेजस्वी यादव से राजनीति में पिछड़ गये हैं लेकिन ऐसा करके उन्होंने ये साबित कर दिया है कि वो डिजिटल की रेस में वो भाई से चार कदम आगे चल रहे हैं। पहले फेसबुक, इन्स्टाग्राम और ट्वीटर के बाद अब वो अपनी वेबसाइट लॉन्च करने वाले हैं।
जाहिर है कि पिछले कई दिनों से ताज प्रताप बिहार की राजनीति से दूर हैं लेकिन ऐसा करके उन्होंने बिहार में चली चुनावी हवा से सियासी जमीन को मौका दिया है। इसके लिए अब तेजप्रताप खुद की राजनीतिक जमीन तैयार करने में लग गये हैं। तेजप्रताप ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वो राजनीतिक रूप से निष्क्रिय नहीं हुए, बल्कि अपनी अलग पहचान बनाने में जुटे हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए तेजप्रताप ने बताया कि मकर संक्रांति के तुरंत बाद उनकी वेबसाइट tejyadav.com लॉन्च हो जाएगा। इस वेबसाइट को लाने के पीछे उनका मकसद है कि वे बिहार के युवाओं के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं। क्योंकि आज के युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव हैं।
इस दौरान पत्रकारों द्वारा उनसे पूछा गया कि लालू प्रसाद के जिस बेटे की पहचान जमीनी नेता के तौर पर है, तो फिर वेबसाइट का क्या मतलब है? इस पर तेजप्रताप ने उन्होंने कहा, ‘अब उहे जमाना है भाई…, जमाना बदल गया न. अब तो पापा भी ट्वीट और फेसबुक से सबका छक्का छुड़ा देते हैं। समय के हिसाब से सबको बदलना चाहिए।’
समाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के जिस जुर्म में पिताजी आपको कैद किया गया है उस लड़ाई को मैं अंजाम तक पहचाऊंगा।
Miss You Papa pic.twitter.com/ttdicUPnsj
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) January 12, 2020
यही नहीं तेजप्रताप ने अपने पिता लालू यादव के लिए एक इमोशनल ट्वीट भी किया है। उन्होंने लालू की एक पुरानी तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। साथ ही लिखा कि, ‘सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के जिस जुर्म में पिताजी आपको कैद किया गया है, उस लड़ाई को मैं अंजाम तक पहुंचाऊंगा।
अक्सर देखा गया है कि तेजप्रताप किसी न किसी वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। उनके इस कदम को सियासी आईने से देखा जाए तो तेजप्रताप यादव भविष्य में राजद से नाता तोड़कर नई शुरुआत कर सकते हैं। इस समय वो पार्टी की गतिविधियों से खुद को अलग रख रहे हैं। हाल ही में सीएए और एनआरसी के विरोध में राजद के बिहार बंद से भी उन्होंने खुद को अलग रखा।