न्यूज डेस्क
इस वक्त पूरी दुनिया की नजर ईरान और अमेरिका के तनाव पर है। दोनों देशों के बीच जंग का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। इस बीच ईरान ने एक बार फिर अमेरिका के सैन्य बेस कैंप पर बड़ा हमला किया है। उसने इराक के अल बलाद एयरबेस पर अमेरिकी ठिकानों पर 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें चार लोग जख्मी हो गए। घायलों में दो इराकी अफसर और दो एयरमैन शामिल हैं।
अमेरिका ने इस मामले को लेकर इराक से ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। बता दें कि सेना का ऐसा रवैया रहा है कि कभी अटैक के बाद चुप नहीं बैठती। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
यह हमला इराक के निवर्तमान प्रधानमंत्री अदेल अब्देल महदी के संयुक्त राज्य अमेरिका को बगदाद में एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर अपनी सेना को वापस बुलाने की घोषणा के तीन दिन बाद हुआ है। महदी ने कहा था कि अमेरिका के पास अपने सैनिकों को वापस बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। महदी ने नवंबर में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि इराक चाहता है कि अमेरिका यहां से अपने सैनिकों को हटा ले ताकि आगे स्थिति खराब न हो क्योंकि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है।
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक इराक के अल-बलाद एयरबेस पर अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान ने 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें 4 लोग जख्मी हो गए हैं। अल-बलाद एयरबेस इराक के एफ-16 लड़ाकू विमानों का मुख्य एयरबेस है, जिसे उसकी हवाई क्षमता अपग्रेड करने के लिए अमेरिका से खरीदा गया है।
मिलिट्री सूत्रों ने एएफपी को बताया कि इस बेस पर अमेरिकी एयरफोर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स का छोटा दस्ता है। लेकिन अधिकतर को पिछले दो हफ्ते से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण वहां से हटा लिया गया है।
ईरानी गार्ड का कहना है कि उनके 8 जनवरी के हमले का मकसद किसी अमेरिकी सैनिक को मारना नहीं था। फिलहाल लेकिन इतना साफ है कि ईरान ने इस हमले से जता दिया है कि अमेरिका के खिलाफ उसके तेवर अभी ढीले नहीं पड़े हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को लेकर नरम पड़ते हुए दिखाई पड़ रहे थे। ईरान में अपनी ही सरकार को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए प्रदर्शनकारियों को नहीं मारने की बात कही थी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया था कि ईरान से अभी भी बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि ट्रंप अभी भी ईरान के नेताओं के साथ बातचीत करने के इच्छुक थे। मगर इस हमले के बाद यह कहना मुश्किल है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हो पाएं।
बताते चले कि अमेरिका के एक हवाई हमले में ईरान के एक शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के कुछ दिनों के बाद उनकी यह टिप्पणी आई थी। बगदाद में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने के कुछ देर के बाद जनरल को निशाना बनाया गया था। इस हमले में ईरान समर्थित मिलिशिया के एक इराकी कमांडर अबु महदी-अल मुहंदिस की भी मौत हो गई थी।
जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ा है। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में गफलत करते हुए यूक्रेन के एक पैसेंजर विमान को गिरा दिया था। जिसमे 176 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही उसने अमेरिका से परमाणु संधि को खत्म करने का ऐलान भी कर दिया था। सुलेमानी की मौत के बाद से ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है।