न्यूज डेस्क
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक साप्ताह बाद भी हालात सामान्य नहीं है। पांच जनवरी को जेएनयू कैंपस में कुछ नकाबपोशों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। इस घटना के बाद आज कुलपति एम जगदीश कुमार ने एक बार फिर अपना पक्ष रखा है।
कुलपति ने जेएनयू की सामान्य स्थिति बहाल करने के इरादे से कहा-जो होना था वह हो गया। हमें पिछली बातों को भूलकर आगे बढऩा चाहिए। हम किसी पर ऊंगली नहीं उठा रहे हैं, न ही किसी को दोषी ठहरा रहे हैं। हमारे लिए जरूरी यह है कि विश्वविद्यालय का काम सुचारू रूप से चले और हम आगे बढ़ें।
Jawaharlal Nehru University VC M Jagadesh Kumar: Whatever has happened has happened. Let us leave the past behind. We are not trying to raise finger at anyone or blame anyone. What is important for us is to make sure the University functions properly & we move forward #Delhi pic.twitter.com/AtLPsMpY6s
— ANI (@ANI) January 12, 2020
गौरतलब है कि जेएनयू हिंसा के बाद छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य छात्रों ने वीसी के इस्तीफे की मांग की थी।
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वहीं आज (12 जनवरी) डीएमके की युवा इकाई के नेता और एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन जेएनयू पहुंचे। वहां उन्होंने बीते पांच जनवरी को हुई हिंसा को लेकर छात्रों से बातचीत की।
इसके अलावा 10 जनवरी को एसआईटी ने व्हाट्सएप ग्रुप और वायरल वीडियो की मदद से जेएनयू में हुई हिंसा में शामिल 41 लोगों की पहचान कर ली है। एसआईटी का कहना है कि इनमें से 12 लोग जेएनयू के नहीं हैं।
फिलहाल आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। इसके बाद ही किसी की गिरफ्तारी की जाएगी। पूछताछ के लिए पुलिस ने 37 लोगों को नोटिस भेजा है।
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एसआईटी प्रमुख डा. जॉय टिर्की के अनुसार जेएनयू में हिंसा के दौरान दो व्हाट्सएप ग्रुप बने थे। वारदात के तुरंत बाद इसे डिलील कर दिया गया। एक ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम से था। इससे जुड़े 12 लोगों का जेएनयू से कोई लेना-देना नहीं है। पहचान किए गए लोगों को एसआईटी टीम सर्विलांस की मदद से तलाश रही है।
इससे पहले 11 जनवरी को कुलपति एम जगदीश कुमार ने छात्रों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि पांच जनवरी की हुई घटना के बाद विश्वविद्यालय की सुरक्षा बढ़ाई गई है, ताकि आगे से कोई निर्दोष छात्र घायल न हो।
कुलपति ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों द्वारा यूनिवर्सिटी में इस हद तक आतंक फैलाया गया कि हमारे कुछ छात्रों को डर से हॉस्टल छोडऩा पड़ा। इतना ही नहीं वीसी ने यह भी कहा था कि यह एक बड़ी समस्या है कि हॉस्टल में कई छात्र अवैध रूप से रह रहे हैं। ये लोग बाहरी भी हो सकते हैं, ये किसी तरह की हिंसा में भाग ले सकते हैं जिनका विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है।
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