Friday - 1 November 2024 - 9:17 PM

भारत बंद: बंगाल-ओडिशा में रोकी गई ट्रेन, राहुल गांधी ने दिया समर्थन

न्‍यूज डेस्‍क

नागरिकता संशोधन कानून और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आज लेफ्ट और 10 ट्रेड यूनियनों की तरफ से भारत बंद बुलाया गया है। इस प्रदर्शन में उन्‍हें कई छात्र संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। बैंकिंग, खासकर सरकारी बैकों, ट्रांसपोर्ट और दूसरी सेवाओं पर हड़ताल का असर देखा जा रहा है।

ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाए गए इस बंद को पब्लिक सेक्टर बैंक का समर्थन मिला है। इसी की वजह से आज देश में कई बैंक बंद रहेंगे, यानी इस इसके चलते आम लोगों को कैश की किल्लत हो सकती है। क्योंकि बैंक बंद होने की वजह से पैसे निकासी के लिए एटीएम पर भीड़ मिल सकती है।

इस बीच, केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने को कहें। उपक्रमों से कहा गया है कि वह कामकाज को सामान्य बनाये रखने के लिये आकस्मिक योजना भी तैयार रखें। उधर, केरल में मजदूर संगठनों ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र को आम हड़ताल से अलग रखा है। केरल ट्रैवल मार्ट सोसायटी ने मजदूर संगठनों और राजनीतिक दलों के इस फैसले को ‘अनुकरणीय’ बताया है।

ट्रेड यूनियनों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का सबसे ज्‍यादा असर बंगाल में दिख रहा है। ईस्ट मिदनापुर में प्रदर्शनकारियों ने ट्रांसपोर्ट को रोकना शुरू कर दिया है। बंद समर्थकों ने NH-41 को जाम कर दिया है. इसके अलावा हावड़ा में ट्रेन भी रोक दी गई है। सिलिगुड़ी में राज्य सरकार की बस के ड्राइवर हेल्मेट पहनकर बस चला रहे हैं। ताकि अगर प्रदर्शनकारियों की ओर से कोई हमला किया जाता है, तो उसका सामना किया जा सके।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। राहुल ने ट्वीट किया, ‘मोदी-शाह सरकार जन विरोधी और मजदूर नीतियों की विरोधी है। इस सरकार ने बेरोजगारी की स्थिति पैदा की है। PSUs को कमजोर किया है।’ राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘आज करीब 25 करोड़ लोगों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद बुलाया है। उन्हें मेरा सलाम’।

ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है। भुवनेश्नर में कांग्रेस समर्थित ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सड़क को ब्लॉक किया, इसके अलावा ट्रेन को भी रोका गया।  इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने भारत बंद के तहत केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।

संगठनों की ओर से दावा किया गया है कि मोदी सरकार की नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को खतरा पहुंचा है और आम आदमी को नुकसान हुआ है। यही कारण है कि इस बंद को बुलाया गया है। ये बंद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात के बाद बुलाया गया है।

इस भारत बंद में अभी किसी तरह से स्कूल बंद होने का ऐलान नहीं किया गया है। बेंगलुरु, दिल्ली समेत बड़े शहरों में जो बंद का असर है उनमें अभी तक स्कूल बंद का ऐलान नहीं किया गया है।

इस बीच सभी एयरलाइंस कंपनियों ने भारत बंद को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। इसमें यात्रियों से अपील की गई है कि आज सड़कों पर भारत बंद की वजह से प्रोटेस्ट या ट्रैफिक हो सकता है, ऐसे में समय के अनुसार घर से निकलें ताकि समय पर एयरपोर्ट पहुंच सकें। स्पाइसजेट, इंडिगो, विस्तारा समेत कई कंपनियों इस संदेश को यात्रियों के लिए जारी किया है।

सीपीएम से जुड़े CITU ने दावा किया है कि इस देशव्यापी हड़ताल में INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वतंत्र महासंघों और संघों के कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं।

जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है। स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है। यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए।

यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है। पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाने के लिए नीति बनाना।

इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना, इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है। यूनियन की मांग है कि यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह होनी चाहिए।

यूनियन की कुछ और मांगें…

  • सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना
  • मजदूरों को मिड डे मील मिलना
  • 6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन
  • पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्जर का विरोध
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