न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपी के मऊ जिले के सदर विधानसभा के बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी समेत 6 लोगों के खिलाफ सोमवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मुख्तार अंसारी ने 2001-02 में अपने लेटर पैड पर चार लोगों के शस्त्र लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी।
पुलिस एक गोपनीय सूचना के आधार पर उस दौरान बने शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रही है। जांच के दौरान मुख्तार अंसारी द्वारा पैरवी कर बनवाए गए चारों लोगों के शस्त्र लाइसेंसों के पते फर्जी मिले। जिसके बाद पुलिस ने मुख्तार अंसारी समेत 6 के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
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बता दें कि मऊ एसपी अनुराग आर्या इस समय शस्त्र लाइसेंसों की जांच करा रहे हैं। जांच में पाया गया कि दक्षिण टोला थाना इलाके के जिस चार शस्त्र लाइसेंस की पैरवी मुख्तार अंसारी ने अपने पेड पर लिख कर की थी वह पते फर्जी हैं। जिसके बाद पुलिस ने मुख्तार समेत 6 के खिलाफ धारा 419, 420, 457, 468, 471 व धारा 30 आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया।
इनके खिलाफ भी दर्ज हुआ मुकदमा
शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की माने तो चार में से एक शस्त्र धारक को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी, तत्कालीन एसओ जे.एन. सिंह, तत्कालीन लेखपाल और तीन शस्त्र लाइसेन्स धारकों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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अब कमेटी करेगी जांच
एसपी अनुराग आर्या की माने तो विधायक मुख्तार अंसारी ने जिन चार लोगों को लाइसेंस जारी करने की संस्तुति की थी, उनमें से एक शस्त्र लाइसेंस धारक शाह आलम को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
अन्य तीन का भी इस जिले से कोई लेना-देना नहीं है। बताया कि 2001-2002 के दौरान जिले में जारी शस्त्र लाइसेंसों की जांच के लिए त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है, जो जिले में जारी सभी शस्त्र लाइसेंसों की जांच करने का काम करेगी।
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