न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपी के कानपुर के बिधनू थानाक्षेत्र में बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे पिता व उसकी पांच दिन की बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। मृतक की पत्नी व दो बच्चे कमरे में बेहोशी की हालत में पड़े मिलें। जब ट्यूशन टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई। जिसके बाद इलाके में हड़कम्प मच गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बेहोशी की हालत में अन्य तीनों को गम्भीर अवस्था में हैलट अस्पताल में भर्ती कराते हुए कार्रवाई में जुट गए।
बिधनू के गोपाल नगर निवासी अनीस दुबे (40) अपनी पत्नी प्रीति, बेटा अक्षत व बेटी पलक के साथ रहते थे। पांच दिन पहले उनके घर बेटी का जन्म हुआ था, जिसको लेकर परिवार काफी खुश था।
दोपहर में बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्यूशन टीचर हरिओम उनके घर पहुंचे। कई बार आवाज लगाने के काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो, उन्होंने धक्का देकर उसे खोला।
जैसे ही वह अंदर घुसे तो उन्होंने देखा कि भीतर कमरे में अनीस औंधे मुंह पड़े हुए हैं और अन्य परिवारीजन भी बेसुध पड़े हैं। सभी के मुंह से झाग निकल रहा था। यह देख ट्यूशन टीचर हरिओम के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने तुरंत आसपास के लोगों व पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को कांशीराम अस्पताल पहुंचाया, जहां पर डॉक्टरों ने अनीस व उनकी पांच दिन की बच्ची को मृत घोषित कर दिया। वहीं उनकी पत्नी प्रीति, बेटा अक्षत व बेटी पलक को गम्भीर हालत के चलते हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टर ने अक्षत की हालत सबसे अधिक गंभीर बताई है। सभी का इलाज जारी है।
बिधनू एसओ देवेंद्र सिंह सोलंकी की माने तो प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया कि मंगलवार रात सर्दी से बचने के लिए अनीस ने कमरे में अंगीठी जलाकर रख ली थी।
पूरा परिवार सो गया था और रात में सोते समय कमरे में अंगीठी धुंआ भरने से सभी का दम घुट गया। दम घुटने से गृहस्वामी अनीस व उसकी पांच दिन की मासूम बच्ची की मौत हो गई, जबकि पत्नी व दो बच्चों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
एक साल पूर्व मकान बेच किराये पर रहते थे सभी
अनीस दुबे एक हाथ से दिव्यांग थे। वह ट्रक पर क्लीनर का काम करते थे। मकान मालिक रौनक ने बताया कि अनीस ने एक साल पहले अपना मकान बेच दिया था। तब से वह परिवार समेत उनके घर पर एक कमरा किराये पर लेकर परिवार के साथ रह रहे थे।