न्यूज़ डेस्क
नए साल के पहले दिन लोगों ने बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया। लेकिन पहले ही दिन संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने कुछ ऐसे खुलासे किये हैं जो बेहद रोमांचक है। यहां बता दें कि यूनिसेफ बच्चों के कल्याण के काम करने वाली एक संस्था है।
यूनिसेफ के अनुसार नए साल के पहले ही दिन पूरी दुनिया में 3,86,000 हजार बच्चों ने जन्म लिया। खास बात ये है कि जनसंख्या में तेजी से बढ़ रहा भारत का इसमें पहले स्थान रहा। केवल भारत में नए साल के पहले दिन 69,000 बच्चों ने जन्म लिया। इसके बाद चीन का स्थान है जहां 44,760 बच्चे पैदा हुए।
वहीं यूनिसेफ के आकड़ों के अनुसार तीसरे नंबर पर नाइजीरिया है, जहां साल के पहले दिन 20,210 बच्चों ने जन्म लिया। इसके बाद पाकिस्तान (14,910), इंडोनेशिया (13,370), संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (11,280), कांगो (9,400), इथोपिया (9,020) और बांग्लादेश (8,370) का नाम है।
नवजात के लिए घातक सेप्सिस और न्यूमोनिया
इसके अलावा यूनिसेफ ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 2016 में साल के हर दिन पहले 24 घंटों के भीतर अनुमानित 2,600 बच्चों की मौत हुई। लगभग 20 लाख नवजात शिशुओं के लिए उनका पहला सप्ताह ही उनका आखिरी था। इन शिशुओं की मौत के पीछे सेप्सिस और न्यूमोनिया जैसी बीमारी है।
यूनिसेफ ने दावा किया है कि इन मौतों की रोकथाम के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी बताया गया है कि पिछले तीन साल में शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
भारत में 40 प्रतिशत बच्चों की मौत जन्म के दिन ही
वहीं, भारत के बारे में यूनिसेफ ने बताया कि यहां 69 हजार बच्चे हर दिन पैदा होते हैं। जन्म का पहला दिन मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा होता है क्योंकि इसी दिन आधी मृत्यु दर दर्ज की जाती है जबकि 40 फीसदी बच्चों की मौत जन्म के दिन ही हो जाती है।
आकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 50 लाख बच्चों का जन्म घर में ही होता है। बच्चों की मौत रोकने के लिए जरूरी है उनकी माताओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा यूनिसेफ ने उस बच्चे के बारे में भी बताया है जो नए साल पर दुनिया में सबसे पहले पैदा हुआ। यह बच्चा फिजी का है जिसका जन्म 12.10 बजे हुआ।