अविनाश भदौरिया
कांग्रेस जमीन से नहीं जुड़ेगी तो बर्बाद हो जाएगी!
जनता को हल्के में लेना हमेशा ही घातक होता है।
~ जवाहरलाल नेहरू
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के इस वक्तव्य को आयुष चतुर्वेदी ने अपनी फेसबुक वाल पर 28 दिसंबर को 15:36 बजे पोस्ट किया है। बता दें कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भाषण देकर देश भर में चर्चित हो चुके वाराणसी के आयुष चतुर्वेदी अपनी फेसबुक पोस्ट को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।
उनकी पोस्ट में गांधीवादी विचारधारा झलकती है। लेकिन आयुष की यह पोस्ट इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि जब उन्होंने यह पोस्ट लिखी उस वक्त प्रियंका गांधी लखनऊ में एक पार्टी कार्यक्रम में मौजूद थी और इसी दिन प्रियंका के ‘हाई वोल्टेज ड्रामा’ को मीडिया में जबर्दस्त कवरेज मिली।
इस बड़े राजनीतिक शो ने प्रियंका गांधी और कांग्रेस के नेताओं में काफी उत्साह पैदा कर दिया है। पर सच्चाई यह भी है कि प्रियंका गांधी को कैमरा और मीडिया से मिली लोकप्रियता के भंवर में नहीं फंसना चाहिए। शायद आयुष अपनी पोस्ट के जरिए यही बात कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को बताना चाहते हैं।
मैंने ‘सोनभद्र नरसंहार’ में प्रियंका गांधी के सड़क पर उतरने के बाद एक खबर लिखी थी। तब मैंने भी यही लिखा था कि, प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी वाली गलती तो नहीं दोहराएंगी। दरअसल उस समय भी प्रियंका जमकर सुर्ख़ियों में रहीं थी।
एक राजनीतिक संपादक ने लिखा था कि, प्रियंका गांधी वाड्रा को दरबारी पत्रकारों के झाँसे में नहीं आना चाहिए। इन्हीं पत्रकारों ने राहुल गांधी को भट्टा परसौल के बाद चने के झाड़ पर चढ़ा दिया था। टीवी कैमरों से मिली लोकप्रियता और सुर्खियां क्षणभंगुर है। लेकिन कॉंग्रेस की असली चुनौती यूपी में संगठन दोबारा खड़ा करना है।
प्रियंका गांधी को मीडिया से मिली लोकप्रियता के भ्रम में नहीं आना चाहिए। उनके सड़क पर उतरकर संघर्ष करने से पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम जनता में बेशक अच्छा सन्देश जा रहा है और मौजूदा समय में अन्य विपक्षी दलों की तुलना में कांग्रेस को बढ़त भी मिली है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में लम्बे समय तक राज करने वाली समाजवादी पार्टी और बसपा को कांग्रेस ने बहुत पीछे छोड़ दिया है।
लोग अब बीजेपी के विकल्प के रूप में कांग्रेस की ओर ही देख रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि, धरना और विरोध प्रदर्शन से सत्ता पक्ष के खिलाफ माहौल तो बनाया जा सकता है लेकन मजबूत संगठन के अभाव में इस माहौल वोट बैंक में बदलना मुमकिन नहीं है। पार्टी को अपने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना होगा तभी प्रियंका का लखनऊ में आशियाना बनाने का सपना पूरा होगा।
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