न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को फिर से शिखर पर पहुंचाने की कोशिशें कर रहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 28 दिसंबर को लखनऊ का दौरा करेंगी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रियंका के लिए सूबे की राजनीति नाक की लड़ाई बन गई है। इस लड़ाई को प्रियंका फ्रंटफूट से खेल रही हैं और प्रदेश में विपक्ष के तौर पर कभी तीसने नंबर खड़ी कांग्रेस को अपनी राजनीतिेक कौशल व आक्रमकता से पहले नंबर पर खडा दी हैं।
चाहे बात कानून-व्यवस्था की हो या पीड़ितों की आवाज बनने की प्रियंका हर मुद्दे पर सबसे पर भारी पड रही हैं और योगी सरकार के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद किए हुए हैं। अभी हाल ही में हुए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन में 15 लोगों की मौत हो गई और कई घायल भी हुए हैं।
Congress leader Priyanka Gandhi Vadra to visit Lucknow on 28th December in connection with an event of the party. (file pic) pic.twitter.com/5oIQQbAaIb
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
प्रदर्शनकारियों पर यूपी पुलिस की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चिंता व्यक्त कर चुकी हैं और उन्होंने इस हिंसा पर योगी सरकार को घेरा था। अब प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ का दौरा करेंगी। इस दौरान वह कांग्रेस के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी और माना जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान घायल हुए पीड़ितों से मुलाकात भी करेंगी।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर 19 दिसंबर को लखनऊ में भी विरोध प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी समेत कई गाड़ियों में आग लगा दी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया। लखनऊ में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से वकील नाम के शख्स की मौत हुई है।
मृतक पुराने लखनऊ के हुसैनगंज में रहने वाला था। इसके अलावा काफी तादाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया, जिनमें कई समाजसेवी भी हैं। ऐसे में पीड़ित परिवार वालों से प्रियंका मुलाकात कर सकती हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सीएए और एनआरसी को लेकर सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी 22 दिसंबर को बिजनौर के नहटौर गई थीं। नहटौर में विरोध हिंसा में मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिली थीं। साथ ही उन्होंने घायल ओमराज सैनी के परिवार से भी मुलाकात की थी।
प्रियंका ने परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। इस दौरान उन्होंने सीएए को जनहित के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सरकार को देश के किसी भी नागरिक से भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं है।
बिजनौर के बाद मंगलवार को प्रियंका गांधी हिंसा पीड़ितों से मिलने मेरठ भी पहुंची थीं। इस बार उनके साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें पीड़ितों से मिलने से पहले ही मेरठ के बाईपास से ही वापस लौटा दिया था। इसके बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने फोन पर ही हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं।