न्यूज डेस्क
येदियुरप्पा सरकार ने मुआवजा देने के मामले में यूटर्न लिया है। पिछले दिनों मंगलूरू हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिजनों को राज्य सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की थी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मंगलूरू में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के फैसले को वापस लिया गया है, क्योंकि दोनों पीडि़त आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे है और ऐसे लोगों को मुआवजा दिये जाने की कोई परिपाटी नहीं है।
येदियुरप्पा ने कहा कि मुआवजे के भुगतान का फैसला राज्य सरकार द्वारा निर्देशित सीआईडी और मजिस्ट्रेट जांच के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा।
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa:
Compensation announced for the family of the two persons (who died during violence in Mangaluru during the anti-CAA protest) #CitizenshipAmendmentAct in Mangaluru will be decided only after the Crime Investigation Department inquiry. pic.twitter.com/56bY9SpByf— ANI (@ANI) December 25, 2019
गौरतलब है कि 19 दिसंबर को मंगलूरू में नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए लोगों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ये मौतें पुलिस की फायरिंग से हुईं हैं। हालांकि तब कर्र्नाटक पुलिस ने इससे इनकार किया था।
मंगलूरू हिंसा में मारे गए लोगों और घायलों से मिलने के लिए 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पहुंचे। वह विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और पीडि़तों के परिजनों से मिले। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वह मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इसके अलावा हिंसा की जांच भी की जाएगी।
उस समय मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा था कि बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को गुरुवार को बल प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को आग लगाने की कोशिश की। यदि प्रदर्शनकारी पुलिस के शस्त्रागार तक पहुंचने में कामयाब हो जाते तो वह तबाही मचा सकते थे।
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