न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने संबंधित अधिनियम को भेदभाव पूर्ण बताया है। सोनिया ने कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने के अधिकार का सरकार बर्बरता से दमन कर रही है, जिसके खिलाफ कांग्रेस खड़ी है।
सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर सवाल खड़े किए और हिंसक प्रदर्शनों की निंदा की।
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उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार स्टूडेंड और लोगों के खिलाफ है। विश्वविद्यालयों में विरोध जारी है। बीजेपी सरकार की नीतियां देशविरोधी है। सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की स्थिति बिगड़ी है। लोगों को अधिकार है कि वह गलत नीतियों का विरोध करें। सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों की बातों को सुने। हालांकि सोनिया गांधी ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील नहीं की।
सोनिया ने कहा नागरिकता संशोधन अधिनियम भेदभावपूर्ण है। नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।
सोनिया ने कहा कि भाजपा के जन विरोधी विभाजनकारी कार्यों का देशभर में स्वभाविक विरोध हो रहा है। सरकार के गलत फैसलों और नीतियों के खिलाफ चिंता व्यक्त करने वालों का अधिकार छिना जा रहा है। लोगों की आवाज को नजर अंदाज और असहमति का बर्बरता से दमन किया जा रहा है।
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कांग्रेस पार्टी देश में लोगों के मौलिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी एनआरसी और सीएए के खिलाफ खड़े लोगों के साथ एकजुट होकर खड़ी है।
#WATCH Congress Interim President Sonia Gandhi: In a democracy people have right to raise their voice against policies of govt®ister their concerns. BJP govt has shown utter disregard for people’s voices&chosen to use brute force to suppress dissent. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/sWyz1bvvgz
— ANI (@ANI) December 20, 2019