न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है। कर्नाटक, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में धारा 144 आदेशों के बावजूद विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने यहां पुलिस पर पथराव किया और कई जगह पर पुलिस चौकियां मेंं आग लगा दी। पूराने लखनऊ के ठाकुरगंज, खदरा, मदेयगंज, परिवर्तन चौक और डालीगंज की तरफ उग्र और हिंसक प्रदर्शन हुआ।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। लखनऊ के थाना हसनगंज में अंतर्गत आने वाले मदेयगंज पुलिस चौकी में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया
Sambhal: A State Transport bus set ablaze, allegedly during protest against #CitizenshipAmendmentAct. More details awaited. pic.twitter.com/rtjO2rEF1A
— ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019
वहीं, संभल में प्रदर्शनकारियों ने चार सरकारी बसों में आग लगा दी है। इतना ही नहीं यहां गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के बाहर समाजवादी पार्टी के नेताओं और विधायकों ने नागरिकता संशोधन विधेयक और उन्नाव मामले को लेकर विरोध किया जा रहा है। नागरिकता कानून, कानून व्यवस्था, महंगाई, किसानों के मुद्दे जैसे कई मुद्दों को लेकर सपा के विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य विधान सभा के मुख्य गेट पर स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरने पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।
दूसरी ओर लखनऊ कलेक्ट्रेट में सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे सपाईयों पर पुलिस ने जमकर लाठी चटकाई। रविदास मेहरोत्रा और अनुराग भदौरिया के साथ सपा कार्यकर्ता प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे। हंगामा बढ़ते देख पुलिस लाठी फटकारकर सबको खदेड़ा। इस दौरान रविदास मेहरोत्रा और अनुराग भदौरिया के साथ कई सपाइयोंं प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
काकोरी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन की भनक लगते ही पुलिस ने पूर्व विधायक इरशाद खां को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। काकोरी में ताड़तला वार्ड से विरोध जुलूस निकाला गया, जिसको पुलिस फ़ोर्स ने लाठी चला कर खत्म कर दिया । जुलूस सपा नेता सालिम, बसपा नेता अहमद शेर खां, शाहनवाज ने निकाला।
कर्नाटक में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रशासन ने बेंगलुरु और मंगलुरु में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इस बीच इतिहासकार रामचंद्र गुहा को बेंगलुरु में हिरासत में ले लिया गया है।
धारा 144 के तहत बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं दिल्ली में 14 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिये गए हैं। इसके साथ ही लाल किला के पास धारा 144 लगा दिया गया है। बिहार में भी विपक्षी दलों ने बिहार बंद का ऐलान किया है। इस बंद में वाम दल और कांग्रेस शामिल है।
लेफ्ट पार्टियों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ बंद बुलाया है। गुरुवार सुबह ही बिहार के कुछ इलाकों में लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोक दिया।
Delhi: Large number of protesters in Red Fort area where Section 144 has been imposed. #CitizenshipAct pic.twitter.com/ZCIR2zsBZ4
— ANI (@ANI) December 19, 2019
प्रशासन से अनुमति ना मिलने के बाद भी आज होने वाले आज के विरोध मार्च के आगे लाल किले के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को लाल किले के पास CrPC धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। उन्होंने कहा कि लाहौरी गेट, कश्मीरी गेट और कोतवाली पुलिस स्टेशन इस आदेश के तहत आएंगे। पुलिस ने पहले ही कानून और व्यवस्था के मुद्दों का हवाला देते हुए लाल किले के पास विरोध की अनुमति से इनकार कर दिया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे मार्च के साथ आगे बढ़ेंगे।