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उत्तर प्रदेश के एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) नेता दयाशंकर सिंह की बेटी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में न्यायालय में पेश नहीं होने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत पांच लोगों के खिलाफ मंगलवार को अरेस्ट वारंट जारी किया है।
स्पेशल कोर्ट ने जज पवन कुमार राय ने बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन नेता सिद्दीकी तथा पार्टी के अन्य नेताओं राम अचल राजभर, मेवालाल गौतम, नौशाद अली और अतर सिंह राव के खिलाफ यह वारंट जारी किया है।
इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 जनवरी को होगी. इस मामले में 22 जुलाई 2016 को केस दर्ज किया गया था। 12 जनवरी, 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस आरोप पत्र में दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी व उनकी पत्नी औरसहित कुल नौ गवाहों के नाम दर्ज हैं। आठ फरवरी, 2018 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आरोपी लगभग दो साल से सुनवाई के दौरान गैरमौजूद रहे। उनकी वजह से ट्रायल में देरी हो रही है। इसी वजह से कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का पालन नहीं कर पा रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में तेजी से निपटारे का आदेश दिया है। लेकिन सुनवाई में ही देरी हो रही है।
बताते चलें कि इस मामले में 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने हजरतगंज में अंबेडकर प्रतिमा के सामने हो रहे आंदोलन के दौरान सार्वजनिक रूप से नाबालिग के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। साथ ही उनके खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया था।