न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का पार्टी के खिलाफ बागी तेवर बरकरार है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन उन्होंने ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की, जिस पर जेडीयू की तरफ से पहले बार बयान आया है कि अगर प्रशांत किशोर पार्टी छोड़कर जाना चाहें तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं।
ये बयान खुद पार्टी महासचिव आरसीपी सिंह ने दिया है। उन्होंने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे भी उन्हें अनुकंपा के आधार पर पार्टी में शामिल किया गया था। उधर, आज प्रशांत किशोर जेडीयू प्रमुख और सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करने वाले हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि अब प्रशांत किशोर दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की मदद करेंगे। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार सुबह ट्वीट करके दिल्ली चुनाव के संबंध में एक बड़ी घोषणा की है।
Happy to share that @indianpac is coming on-board with us. Welcome aboard!
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2019
केजरीवाल ने ट्वीट करके बताया है कि प्रशांत किशोर की कंपनी आई पैक दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘आप’ के लिए काम करेगी। बताते चलें कि I-PAC प्रशांत किशोर की एजेंसी है, जो औपचारिक रूप से राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार करती है। यानी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। सूत्रों से पता चला है कि प्रशांत किशोर और अरविंद केजरीवाल की बातचीत बहुत लंबे समय से चल रही थी।
केजरीवाल और किशोर ने उस समय औपचारिक रूप से हाथ मिलाया है, जब किशोर अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का सार्वजनिक तौर पर नागरिकता संशोधन बिल पर विरोध कर रहे हैं और सवाल भी उठा रहे हैं। फिलहाल यह भी देखना होगा कि प्रशांत किशोर जनता दल यूनाइटेड में कब तक रहते हैं।
शानदार रहा है रिकॉर्ड
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव प्रचार किया और नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री बने।प्रशांत किशोर ने 2015 में नीतीश कुमार के लिए चुनाव प्रचार किया तो नीतीश कुमार महागठबंधन में बड़े बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने। 2017 में पंजाब कांग्रेस के लिए प्रचार किया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह लगभग दो तिहाई बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने।
2019 में आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के लिए काम किया तो जबरदस्त और प्रचंड बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने। प्रशांत किशोर ने 2017 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के लिए भी प्रचार किया था लेकिन बाद में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया, जिसके बाद कांग्रेस को अपने इतिहास की सबसे करारी हार और सबसे कम सीट देखने को मिली। एक यूपी को छोड़कर किशोर ने हर जगह जिसके लिए काम किया उसकी सरकार बनी। इस समय वह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ भी काम कर रहे हैं।