न्यूज डेस्क
16 दिसंबर को दिल्ली के निर्भया केस के सात साल पूरे हो जाएंगे, लेकिन अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकी है। निर्भया की मां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दोषियों को जल्द फांसी दिलाने की मांग की है। दूसरी ओर आज पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी होगी। निर्भया के वकील की माने तो कोर्ट आज कोई बड़ा फैसला सुना सकता है।
हालांकि कानून के जानकारों की माने तो चारों दोषियों की सजा कुछ दिन के लिए अभी और टल सकती है। दरअसल इन चारों में से एक दोषी अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की है। इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होनी है। इसके अलावा जेल प्रशासन को 14 दिनों का वक्त सजायफ्ता कैदियों को फांसी के लिए मानसिक रूप से तैयार होने को दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें इस दौरान अपनी वसीयत एवं अन्य चीजें तैयार करने का मौका मिलता है।
इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दरिंदगी के चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी पर लटकाने की तैयारी में है। यदि ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा, जब एक ही जगह पर चार लोगों को एक साथ फांसी की सजा दी जाएगी। जेल सूत्रों के मुताबिक एक साथ ही चारों को फांसी देने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। फांसी के तख्त में कुछ बदलाव के जरिए यह काम किया जा रहा है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि क्या चार लोगों का वजन एक बार में यह उठा सकता है या नहीं।
सूत्रों ने कहा कि यह जरूरी है कि चारों दोषियों को एक ही साथ फांसी पर लटकाया जाए। इसकी वजह यह है कि यदि किसी शख्स को बेचैनी के चलते समस्या हो जाती है या फिर वह बीमार हो जाता है तो फांसी टालनी होगी। अब तक करीब दो ट्रायल किए जा चुके हैं कि क्या लगातार तीन घंटे तक फांसी का तख्त इनका वजन उठा सकता है या नहीं।
जेल अधिकारियों की पूरी एक टीम इस पूरी प्रक्रिया में जुटी है। तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि यहां ‘फांसी कोठा’ 1950 के करीब बना था। इसमें दो कंक्रीट के खंभे हैं और उनमें एक लोहे की छड़ लगी है। इस पर ही एक लूप तैयार किया गया है, जिसका इस्तेमाल फांसी देने के लिए किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक इसमें लगी छड़ काफी पुरानी हो जाने के चलते और कमजोर हो गई है। एक जेल अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘हम फिलहाल एक्सपर्ट्स की मदद से इस छड़ की क्षमता का अनुमान लगा रहे हैं। इसकी मजबूती के लिए कुछ अतिरिक्त निर्माण भी किया जा सकता है।’
इस बीच फांसी देने के लिए 8 रस्सियां मांगने की खबर है। इन्हें बक्सर जेल से मंगाया गया है, जिन्हें कैदियों ने तैयार किया है। सॉफ्ट कॉटन से तैयार इस रस्सी में मक्खन और मोम भी लगाया जाता है ताकि यह नरम और मजबूत भी रहे। जेल के एक सूत्र ने बताया, ‘इस रस्सी को इस तरह से तैयार किया जाता है कि सजा पाने वालों का गला न कटे।’
चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ जेल के पवन जल्लाद ने सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि यदि यूपी सरकार की ओर से कहा जाता है तो मैं दिल्ली जाऊंगा और उन्हें फांसी दूंगा। पवन जल्लाद ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। यदि यूपी सरकार कहती है तो मैं फांसी देने को तैयार हूं। मैं दिल्ली जाऊंगा और अपनी ड्यूटी पूरी करूंगा।’