न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है। सरकार के दावों के मुताबिक देश के 8 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है। हालांकि अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने इस योजना को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
ये भी पढ़े: सिर पर शादी का साफा- सूट में हल्दी, फिर भी फर्ज से नहीं चूका शख्स
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक उज्ज्वला योजना का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरतमंदों की बजाए इस योजना का लाभ उन लोगों को मिल रहा, जिन्हें जरूरत नहीं है।
ये भी पढ़े: Yogi की सेल्फी पर अखिलेश का तंज
कैग ने कहा है कि एलपीजी गैस के निरंतर उपयोग को प्रोत्साहित करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि लाभार्थियों की वार्षिक औसत रिफिल खपत में गिरावट आई है।
बीते साल रिपोर्ट के मुताबिक योजना के तहत जिन 1.93 करोड़ उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया था, उनमें से एक उपभोक्ता सालाना 3.66 एलपीजी ही रिफिल करवाता है।
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से 18 साल से कम उम्र के लोगों को 80 हजार कनेक्शन जारी करने की अनुमति दी गई है। इस तरह 8.59 लाख कनेक्शन उन लाभार्थियों को जारी किए गए थे जो जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार नाबालिग थे।
ये भी पढ़े: क्या प्रशांत किशोर की जेडीयू से होगी विदाई ?
वहीं इंडेन और एचपीसीएल के आंकड़ों के मुताबिक 3.44 लाख ऐसे उपभोक्ताओं का मामला भी सामने आया है जहां पर एक दिन में 2 से 20 एलपीजी सिलेंडर रिफिल भरवाए जा रहे हैं, जबकि इनका कनेक्शन एक सिलेंडर वाला है।
पुरुषों को भी जारी किए सिलेंडर
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में घरेलू सिलेंडर का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। इसके मुताबिक 1.98 लाख उपभोक्ता साल में 12 से ज्यादा सिलेंडर रिफिल करा रहे हैं और ये जांच का विषय है।
ये भी पढ़े: पेटेंट के मामले में क्यों फिसड्डी है भारत
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन जारी किया जाता है। लेकिन कैग की रिपोर्ट कहती है कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) सॉफ्टवेयर में इनपुट सत्यापन जांच की कमी के कारण पुरुषों के 1.88 लाख कनेक्शन जारी किए गए थे।