न्यूज डेस्क
हैदराबाद रेप केस के बाद से ही पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। जनता एकजुट होकर रेप से जुड़े कानून को सख्त से सख्त बनाने की मांग कर रही है। इस बीच 2012 में हुए एक और दिल दहला देने वाली घटना की चर्चा हो रही है। सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को दिल्ली में निर्भया के साथ छह दरिंदों ने चलती बस में गैंगरेप किया था।
इन छह में से एक दोषी नाबालिग था जो अब छूट चुका है। वहीं एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ में ही आत्महत्या कर ली थी। केस के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि 16 दिसंबर को फांसी दी जा सकती है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने तख्त तैयार करके एक डमी का ट्रायल किया है। सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक डमी में 100 किलो रेत भरकर ट्रायल किया। मकसद यह था कि अगर दोषियों को फांसी दी जाती है तो क्या फांसी देने वाली वो स्पेशल रस्सी इनके वजन से टूट तो नहीं जाएगी। जेल प्रशासन फांसी देते वक्त कोई मौका नहीं देना चाहता।
हालांकि, अभी तक फांसी देने को लेकर जेल प्रशासन के पास कोई लेटर नहीं आया है। निर्भया से दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए तिहाड़ में बंद दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है। दोषियों को फांसी देने के लिए यूपी, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है. तिहाड़ की जेल नंबर-3 में फांसी का तख्त है।
कौन कैदी कहां है बंद
निर्भया केस के दोषियों में से एक पवन को मंडोली जेल नंबर-14 से तिहाड़ जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी में अक्षय और मुकेश भी बंद हैं। जबकि विनय शर्मा आज तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।