न्यूज़ डेस्क
डिप्रेशन (अवसाद) यानि मानसिक तनाव ऐसी समस्या है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता और यही इसके समाधान में सबसे बड़ी बाधा है। डिप्रेशन आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। बिजी शेड्यूल और तनावभरी जिंदगी के कारण आज दुनियाभर में 30 लाख लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। वहीं भारत में हर 1 लाख व्यक्तियों पर 10.9 औसत आत्महत्या दर है, जिसमें 44 साल से कम उम्र के लोग हैं।
वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट अनुसार डिप्रैशन के मामले में भारत पहले स्थान पर है जो कि देश के लिए निराशाजनक स्थिति है। इसी के साथ तनाव, चिंता, स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) और बायोपोलर डिसऑर्डर जैसे मामलों में तेजी से बढ़ रहे है जबकि भारत के बाद, चीन व यूएसए का नंबर आता है।
ये भी पढ़े: पीले नाखून वाले होते हैं मक्कार, चंद्रमा जैसा निशान देता है धन लाभ
शोध के मुताबिक महिलाओं के डिप्रेशन की चपेट में आने का खतरा पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। पुरुषों के मुकाबलें महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या 20% ज्यादा है, जिसका सबसे मुख्य कारण दोहरी जिंदगी जीना है। इसके आलवा हार्मोनल बदलाव, सिगरेट या शराब, फोन का ज्यादा इस्तेमाल भी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकता है।
ये भी पढ़े: एक ही मंडप में पत्नी और वो के साथ लिए 7 फेरे
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चे डिप्रेशन के शिकार हैं। इस कैटेगिरी में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। डिप्रेशन की किशोरों में स्थिति इतनी खराब है कि उनको इलाज की काफी जरूरत है।
ये है कारण
शोध के मुताबिक समाज का बदलता दौर, तनाव, बच्चों की पढ़ाई, प्रतिस्पर्धा, पारिवारिक समस्याएं आदि अवसाद की मुख्य वजह माने जाते हैं। इसके अलावा महिलाओं में यह समस्या घर और ऑफिस की भागदौड़ संभालने की चक्कर में होती है। काम के चक्कर में वह खुद को समय नहीं देती और तनाव के कारण धीरे- धीरे डिप्रेशन की चपेट में आ जाती है।
ये भी पढ़े: 8वीं की छात्रा को न्याय नहीं मिला तो लगाई फांसी, पुलिस पर इसलिए लगे आरोप
ये है लक्षण
हर दम चुप-चुप और उदास रहना, शरीर और दिमाग थका सा लगना, मूड में परिवर्तन होना, सिर में हल्का दर्द रहना, सबसे अलग रहना और किसी से बात करने का मन न करना, बातों को भूलना, घबराहट और बेचैनी होना, आलस ज्यादा होना, भूख से अधिक खाना या कभी- कभी भूख ही नहीं लगना, ध्यान भटकना, जिससे काम में मन न लगना, निराश रहना, सुसाइड जैसे ख्याल मन में आना, नशे के आदी हो जाना, मन में एक अपराधबोध का रहना।
ये भी पढ़े: सनी लियोनी ने फिर लगायी आग, देखें लेकिन संभल कर
डिप्रेशन से बचने के कुछ उपाय
- अवसाद से बचने के लिए योग एक सही तरीका है। बहुत से ऐसे शोध हुए हैं, जिनमें पाया गया है कि योग से निरोग हुआ जा सकता है।
- अपने परिवार व दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें। अपने दोस्तों से मिलें, घूमने जाएं।
- रोजाना वॉक पर जाएं, जॉगिंग करें, संभव हो तो स्विमिंग (तैरना) व योग सीखें। व्यायाम करने और फिट रहने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है और जीवन में सकारात्मकता को बढ़ावा मिलता है।
- स्वस्थ भोजन न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, मांस, कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ और मछली आदि शामिल करें। भरपूर पानी पीएं।
- ऑफिस के काम को घर पर न लाएं। काम से संबंधित स्ट्रेस का मुकाबला करने के अपने तरीके इजाद करें।
- शराब, तंबाकू और कैफीन का आपके मूड को कुछ समय के लिए सही कर सकता है लेकिन लंबी अवधि में यह केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।