न्यूज डेस्क
हैदराबाद में हुए डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। संसद से लेकर सड़क तक हर तरफ आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की जा रही है। चारो आरोपियों की फांसी की सजा देने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर- मंतर पर आमरण अनशन पर बैठी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का राजघाट पर अनशन जारी है। मंगलवार शाम जंतर- मंतर पर भारी तादाद में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने शाम 5 बजे के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने की बात कही।
काफी देर बातचीत के बाद रात करीब साढ़े 8 बजे पुलिस बल को हटा लिया गया। स्वाति मालीवाल जंतर- मंतर से राजघाट पर जाकर अनशन जारी रखने पर सहमत हो गई।
उधर, मंगलवार सुबह अनशन पर जाने से पहले स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि जंतर- मंतर पर प्रदर्शन के लिए पुलिस मंजूरी नहीं दे रही है। पुलिस कह रही है कि उनके पास ऊपर से आदेश है कि वह उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने नहीं दे।
स्वाति ने यह भी लिखा कि वह अपराधी नहीं हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली पुलिस सहयोग नहीं कर रही है लेकिन चाहे कुछ हो जाए, पुलिस और केंद्र कितनी भी कोशिश कर लें, उनका अनशन जारी रहेगा।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जंतर- मंतर पर प्रदर्शन के लिए स्वाति मालीवाल ने मंजूरी ली थी लेकिन यहां शाम 5 बजे के बाद प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दे सकते। इसीलिए स्वाति मालीवाल से शाम को जंतर- मंतर से हटने की अपील की गई थी।
स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दुराचार के आरोपियों पर दोष साबित होने के छह महीने के अंदर फांसी देने की भी मांग की। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पुलिस बल को बढ़ाया जाए और उनकी जवाबदेही भी तय की जाए। कानून बनाना काफी नहीं है।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं के चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि देश भर में महिलाओं को उनका सम्मान मिलना चाहिए। रात का अंधेरा मौत की ओर उन्हें न लेकर जाए। उन्हें अब अपने ही घर में डर सताने लगा है। उनका जीवन संकट में है और उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए।
हाथों पर नारे लिखे तख्तियां लिए ये महिलाएं सरकार से दुष्कर्म पीड़ितों के लिए न्याय मांग रही थी। हर महिला बस यही कह रही थी दिल्ली में निर्भया चली गई और हैदराबाद में डॉक्टर। हर दिन दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं और सरकार आंखें मूंद कर बैठी है।