- फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इमिट्स (फीमिट्स) में मेगा ऑडिशन का आयोजन
- बिश्वांजलि पिक्चर प्रोडक्शन हाउस ने परखी छात्रों की प्रतिभा
- 10 छात्रों का चयन, एक्टिंग के लिए बुलाया जाएगा मुंबई
स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बोल सकने में असमर्थ सक्षम ने जब भीड़ में अपनी मां को खोजना शुरू किया तो लोग आश्चर्य से भरकर उसे देखने लगे। कोई उससे दूर भागता तो कोई इशारों में पूछे जा रहे उसके सवालों को समझ ही नहीं पाता। वह हर व्यक्ति से यही पूछ रहा था कि मेरी मां कहां है? दिव्यांग सक्षम की दयनीय दशा देखकर सभी की आंखों में आंसू आ गए।
कुछ ऐसा ही हाल शिखा का दिखा। वह पढऩा चाहती है लेकिन परिवार इसके लिए तैयार नहीं है। तब शिखा पिता से गुहार लगाती है कि उसे पढ़ाई का एक मौका जरूर दें। ये दोनों किसी मूवी या टेलीविजन के वास्तविक दृश्य तो नहीं थे लेकिन इतने स्वाभाविक थे कि एक नजर में सभी इनके कायल बन गए।
यह मौका था कल्याणपुर के आईआईएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इमिट्स (फीमिट्स) विभाग में हुए मेगा ऑडिशन का। इसमें स्टूडेंट्स ने एक्टिंग के बेहतरीन नमूने पेश किए। यह ऑडिशन इसलिए भी खास रहा कि इसमें चुने गए 10 छात्रों को भविष्य में बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की फिल्म में काम करने का मौका मिलेगा।
फीमिट्स विभाग छात्रों की बेहतरी के लिए एकेडमिक गतिविधियों के साथ समय-समय पर अलग-अलग प्रैक्टिकल प्रोग्राम का आयोजन करता रहता है। इसी के तहत गुरुवार को विभाग के स्टूडियो में विश्वांजलि पिक्चर प्रोडक्शन हाउस ने 30 से ज्यादा छात्रों का ऑडिशन लिया। ऑडिशन के दौरान छात्रों को एक मिनट का वक्त दिया गया।
इसमें शिखा पांडेय, आयुष श्रीवास्तव और वर्चस्व पांडेय ने भी बेहतरीन अदाकारी दिखाई। एक्ट के दौरान शिखा और वर्चस्व ने दो हमउम्र युवाओं का रोल निभाया। उनकी नैसर्गिक अभिनय प्रतिभा ने इस एक्ट में जान डाल दी। इसी तरह आयुष श्रीवास्तव ने पियक्कड व्यक्ति के रोल में दमदार भूमिका निभाई। प्रोडक्शन हाउस ने बेहतरीन अभिनय और डायलॉग डिलीविरी के कारण फीमिट्स के 10 छात्रों का चुनाव किया गया।
इन स्टूडेंट्स का चयन
कीर्ति पांडेय, प्रिया सिंह बिसेन, सक्षम धीमन, वर्चस्व पांडेय, पारुल यादव, शिखा पांडेय, खुशी सिंह, अमूल्या गुप्ता, आकृति, अस्मिता शुक्ला
छात्रों की प्रतिभा ने बनाया मुरीद
बिश्वांजलि पिक्चर के प्रोडक्शन इंचार्ज रोहन मेहरा ने कहा कि बच्चों के अंदर अद्भुत प्रतिभा है। यह संस्थान के प्रयोगात्मक माहौल का ही नतीजा है कि बच्चों ने इतने बेहतर अंदाज में ऑडिशन दिया। कास्ट मैनेजर करण राठौर भी बच्चों की अभिनय क्षमता से बेहद प्रभावित नजर आए।
क्रू-मेंबर असिस्टेंट प्रोडूसर जगदीप सिंह ने कहा कि स्टूडेंट्स का अभिनय इस कदर स्वाभाविक था कि एक बार भी नहीं लगा कि ये नए कलाकार हैं। उन्हें विभाग की ओर से बहुत ही जबर्दस्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। इन्हीं छात्रों में कोई भविष्य का सुपरस्टार छुपा हुआ है।