Thursday - 1 August 2024 - 2:35 PM

कार्टोसैट-3 आसमान से रखेगा आतंकियों पर नजर

न्‍यूज डेस्‍क

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 27 नवंबर की सुबह देश की सुरक्षा के लिए इतिहास रचा है। इसरो ने सुबह 9.28 बजे मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। लॉन्च के 17 मिनट बाद PSLV c47 ने कार्टोसैट को उसके ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया है।

कार्टोसैट-3 सैटेलाइट पीएसएलवी-सी47 (PSLV-C47) रॉकेट से छोड़ा गया। कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के 13 नैनो सैटलाइट्स PSLV c47 से लॉन्च कर दिए गए। ये सैटेलाइट्स कॉमर्शियल उपयोग के लिए हैं।कार्टोसैट-3 पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा।

6 स्ट्रैपऑन्स के साथ यह पीएसएलवी की 21वीं उड़ान थी। जबकि, पीएसएलवी रॉकेट की यह 74वीं उड़ान थी। कार्टोसैट-3 को भारत की आंख भी कहा जा रहा है, क्योंकि इससे बड़े स्तर पर मैपिंग की जा सकेगी जिससे शहरों की प्लानिंग और ग्रामीण इलाकों के संसाधनों का प्रबंधन भी किया जा सकेगा।

 

Cartosat-3 अपनी सीरीज का नौवां सैटेलाइट है। कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर की ऊंचाई से जमीन पर 9.84 इंच की ऊंचाई तक की स्पष्ट तस्वीर ले सकेगा। यानी आप की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा।

कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि संभवतः अभी तक इतनी सटीकता वाला सैटेलाइट कैमरा किसी देश ने लॉन्च नहीं किया है। अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब का जियोआई-1 सैटेलाइट 16.14 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है।

कार्टोसैट सीरीज के 8 सैटेलाइट अब तक हुए हैं लॉन्च

  • कार्टोसैट-1: 5 मई 2005
  • कार्टोसैट-2: 10 जनवरी 2007
  • कार्टोसैट-2ए: 28 अप्रैल 2008
  • कार्टोसैट-2बी: 12 जुलाई 2010
  • कार्टोसैट-2 सीरीज: 22 जून 2016
  • कार्टोसैट-2 सीरीज: 15 फरवरी 2017
  • कार्टोसैट-2 सीरीज: 23 जून 2017
  • कार्टोसैट-2 सीरीज: 12 जनवरी 2018

बताते चले कि कार्टोसैट-3 का उपयोग देश की सीमाओं की निगरानी के लिए होगा। साथ ही प्राकृतिक आपदाओं में भी मदद करेगा। कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत उपग्रह है जिसमें हाई रेजॉलूशन तस्वीर लेने की क्षमता है। इसका भार 1,625 किलोग्राम है और यह बड़े पैमाने पर शहरों की प्लानिंग, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय जमीन के इस्तेमाल और जमीन के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। इसरो ने बताया है कि पीएसएलवी-सी47 ‘एक्सएल’ कनफिगरेशन में पीएसएलवी की 21वीं उड़ान है।

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