न्यूज़ डेस्क
यूपी के माफियाओं के लिस्ट में डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी का नाम शुमार था। लेकिन उनके साथ मानव अधिकारों का उल्लघन किया गया। इसी के चलते उनकी पत्नी ने पहले ही पत्र जारी कर पेशी के दौरान ही मुन्ना का फर्जी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जताई थी। इस वजह से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने एक आदेश दिया है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गये आदेश के तहत यूपी सरकार अब मुन्ना बजरंगी के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी। बता दें कि जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या मामले की जाँच आयोग कर रहा है। एनएचआरसी की ओर से आरटीआई के तहत मिले एक सवाल के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है।
इस वजह से मिलेगा मुआवजा
उनकी हत्या के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि पत्नी सीमा प्रेम सिंह ने साल 2017 में ही एनएचआरसी सहित कई विभागों को चिट्ठी लिखकर पेशी के दौरान मुन्ना बजरंगी के फर्जी एनकाउंटर की आशंका जताई थी। इसी आधार पर एनएचआरसी ने माना है कि मुन्ना बजरंगी मामले में मानव अधिकारों का उल्लघंन हुआ है। प्रदेश सरकार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के निर्देश जारी किया है।
की थी बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या
मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल के ही एक माफिया के इशारे पर काम करता था। आरोप है कि उसी के इशारे पर मुन्ना बजरंगी ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या की थी। इसके बाद एक बार मुन्ना बजरंगी पुलिस की गिरफ्त में आया तो जेल का ही होकर रह गया।
जेल में मारा गया था मुन्ना बजरंगी
बता दें कि मुन्ना बजरंगी एक पेशी पर जुलाई 2018 में झांसी जेल से बागपत लाया गया था। समय अधिक हो जाने के चलते उसे बागपत जेल में रखा गया था। इसी बीच नौ जुलाई को जेल के अंदर ही बंद सुनील राठी ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।
वहीं, इस मामले में एनएचआरसी का कहना है कि यूपी सरकार को दोबारा से आठ नवंबर को पत्र लिखा गया है। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि छह हफ्ते में मुन्ना बजरंगी के परिवार को मुआवजा देने की बात कही गयी है।