न्यूज डेस्क
उत्तरागढ़ के पिथौरागढ़ जिले के कालापानी को लेकर भारत-नेपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। 17 नवंबर को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कालापानी को लेकर बयान दिया और अब उसके जवाब में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो बातें नेपाल कह रहा है, वह चिंताजनक हैं। भारत का जो हिस्सा है, वो भारत का ही रहेगा।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 17 नवंबर को भारत से कालापानी इलाके से अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा था। ओली ने कहा था कि कोई भी नक्शा छाप लेता है। बात इसमें सुधार की नहीं, अतिक्रमण की है। नेपाल दूसरों की जमीन पर एक इंच अतिक्रमण नहीं करेगा और अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा दूसरों को नहीं देगा। हम भारतीय सुरक्षाबलों को कालापानी से हटाएंगे। नेपाल की जमीन पर नेपाली सेना रहेगी।
गौरतलब है कि भारत ने 2 नवंबर को नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था जिसमें नवगठित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को उनकी सीमाओं के साथ दिखाया गया है। मानचित्र में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
इसके बाद नेपाल सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। वह कह चुके हैं कि नेपाल भारत का मित्र राष्ट्र है, इसलिए बातचीत से मसला हल किया जा सकता है। उन्होंने नेपाल की कार्यसंस्कृति पर भी सवाल उठाया कि नेपाल की कार्यसंस्कृति इस तरह की नहीं है कि वह इस तरह से बात करे।
यह भी पढ़ें : शिवसेना-बीजेपी को आरएएस प्रमुख ने क्या नसीहत दी
यह भी पढ़ें : इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से लंदन रवाना हुए नवाज शरीफ
यह भी पढ़ें : चुनावी बॉन्ड को लेकर क्या कहा प्रियंका ने