न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (यूपीपीसीएल) में हुए भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले की जांच जारी रही है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम एमडी फाइनेंस पीके गुप्ता के बेटे अभिनव से भी पूछताछ कर रही है। अभिनव को हिरासत में लेकर आर्थिक अपराध शाखा पूछताछ कर रही है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अभिनव गुप्ता को ईओडब्ल्यू की टीम ने सोमवार को हिरासत में लिया था। इसके बाद से ही उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। अभिनव के जरिए ही यूपीपीसीएल का पैसा डीएचएफएल में लगाया गया था। अभिनव गुप्ता और यूपीपीसीएल के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि अभिनव ने पूछताछ में उन फर्मो से जुड़े कई राज भी उगले हैं, जिनकी सिलसिलेवार पड़ताल कराई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस का दबाव बढ़ने पर अभिनव ने ईओडब्ल्यू के अधिकारियों से संपर्क किया था।
गौरतलब है कि 14 ब्रोकर फर्मो के जरिये डीएचएफएल में भविष्य निधि की रकम निवेश किए जाने की बात सामने आई थी। ईओडब्ल्यू उन सभी फर्मो के बारे में छानबीन कर रही है और बैंकों की भी मदद ली जा रही है। धांधली में शामिल नौ ब्रोकर फर्मो के पते अब तक फर्जी निकल चुके हैं।
ब्रोकर फर्मो से अभिनव का सीधा संपर्क सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि मोटा कमीशन तय कर ब्रोकर फर्मे अभिनव के जरिये ही पावर कारपोरेशन के तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व अन्य अधिकारियों तक पहुंची थीं।
दूसरी ओर भविष्य निधि केवल कर्मचारी ही नहीं, उसके पूरे परिवार के भविष्य का सहारा है। इसलिए बिजली इंजीनियर अपनी भविष्य निधि के भुगतान की गारंटी के लिए 14 नवंबर को पत्नी व बच्चों के साथ लखनऊ की सड़कों पर रैली निकालेंगे। अनुसूचित जाति के इंजीनियरों ने भी इसी दिन रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।
भविष्य निधि घोटाले में फंसी हजारों करोड़ रुपये की रकम बिजलीकर्मियों को परेशान कर रही है। भुगतान की गारंटी की मांग को लेकर इंजीनियरों व कर्मचारियों के गुटों ने आंदोलन का एलान कर दिया है। पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने और भुगतान की गारंटी दिए जाने की दो सूत्रीय मांग को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पहले ही 14 नवंबर को लखनऊ में रैली का एलान कर रखा है।
दूसरी ओर, सोमवार को पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि भविष्य निधि घोटाले में फंसी रकम के भुगतान की गारंटी के लिए प्रदेशभर के दलित व पिछड़े वर्ग के इंजीनियर 14 नवंबर को लखनऊ में जुटेंगे, प्रदर्शन करेंगे और रैली निकालेंगे। वर्मा ने कहा कि नोटीफिकेशन के लिए सात दिनों का समय दिया गया था, लेकिन सरकार की चुप्पी बता रही है कि वह इसे लेकर गंभीर नहीं है। पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कंपनियों का 51 फीसद शेयर सरकार के पास है, इसलिए सरकार को गारंटी लेनी चाहिए।
बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि का पैसा लौटाने के लिए डीएचएफएल ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। एक याचिका पर अंतरिम जवाब दाखिल करते हुए डीएचएफएल ने कहा कि नेशनल हाउसिंग बैंक के निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक जमा पर भुगतान किया जाना जरूरी है, इसलिए उसे अनुमति दी जानी चाहिए। डीएचएफएल ने एफडी की परिपक्वता पर भुगतान के लिए 11 नवंबर को हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया था। इस याचिका पर अब बुधवार को सुनवाई होगी।