स्पेशल डेस्क
मुम्बई। महाराष्ट्र में किसकी बनेगी सरकार इसको लेकर तमाम तरह का कयास लगाया जा रहा है। कांग्रेस और एनसीपी ने अभी तक शिवसेना को लेकर अपना रूख साफ नहीं किया है। जानकारी के मुताबिक शिवसेना को समर्थन देने को लेकर अंतिम फैसला रात 8.30 बजे कांग्रेस और एनसीपी भी कर सकती है।
उधर सियासी गलियारे में दावा यहां तक किया गया है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और उसे पांच साल तक कांग्रेस और एनसीपी अपना समर्थन देगी। उधर अभी महाराष्ट्र में एकाएक घटनाक्रम तब बदल गया है जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। हालांकि इस बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। उधर जानकारी के मुताबिक शिवसेना इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
एनसीपी का क्या होगा रूख
महाराष्ट्र में बीजेपी अब अलग-थलग पड़ चुकी है। ऐसे में शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर नई सरकार बनने का दावा कर रही है लेकिन अभी तक एनसीपी और कांग्रेस ने इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जानकारी के मुताबिक पूरी गेंद अब एनसीपी के बड़े नेता शरद पवार के पाले में जाती नजर आ रही है।
कहा तो यह भी जा रहा है कि शरद पवार जो भी फैसला करेंगे कांग्रेस भी उनकी बात मानेगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का दावा कर सकती है।
Raj Bhavan Press Release 12.11.2019 3.16 PM pic.twitter.com/qmlQA6ghBR
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) November 12, 2019
उधर अगर बात नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन का विकल्प होगा। बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने की इच्छा और दावे के पत्र के लिए शिवसेना को 24 घंटे दिए थे। मगर इन समयावधि में शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन की चि_ी हासिल नहीं कर सकी। इसके बाद से सारा समीकरण बदल गया। शिवसेना को 145 का जादुई आंकड़ा पाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का साथ बेहद जरूरी है।
गवर्नर के सामने रहेंगे ये विकल्प
- 1- जब तक नया मुख्यमंत्री नहीं मिल जाता, तब तक राज्यपाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले देवेंद्र फडणवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए कह सकते हैं। संविधान के तहत यह जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल विधानसभा के साथ ही खत्म हो जाए।
- 2- राज्यपाल विधानसभा चुनाव नतीजों में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। ऐसे में बीजेपी का सीएम बन सकता है क्योंकि बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटों पर कब्जा जमाया है। सीएम बनने के बाद बीजेपी को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। फिलाहाल जो हालात हैं, उससे लगता नहीं कि बीजेपी फ्लोर टेस्ट में पास हो पाएगी।
- 3- भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र विधानसभा से अपने नेता को चुनाव के जरिये चुनने को कह सकते हैं। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर किया जा सकता है। वर्ष 1998 में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐसा करने का आदेश दिया था।
- 4- अगर इन तीनों विकल्पों के माध्यम से कोई सरकार नहीं बन पाती है तो राज्यपाल के सामने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। यह अंतिम विकल्प है। इस स्थिति में राज्य के विधायी कामकाज की बागडोर केंद्र सरकार के हाथ में रहेगी। फिलहाल राज्य में जैसी स्थितियां हैं, उसमें राष्ट्रपति शासन लगने की ही संभावना प्रबल है। हालांकि कोई भी पार्टी इसके समर्थन में नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने खुले तौर पर कहा है कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का समर्थन नहीं करती है।