न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले छह दिनों से इस्लामाबाद में इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है और इस बीच सेना ने भी इमरान का साथ छोड़ दिया है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने छह नवंबर को कहा कि सेना प्रमुख आजादी मार्च को लेकर इमरान खान सरकार और विपक्षी दलों के बीच कोई मध्यस्थता नहीं करेंगे।
सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पहली बड़ी राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में पूरा विपक्ष पांच दिनों से सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रहा है।
रहमान का कहना है कि 2018 में हुए आम चुनाव में धांधली हुई थी क्योंकि पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने इमरान खान को समर्थन दिया था। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अब इमरान खान अपने पद से इस्तीफा दें और देश में फिर से निष्पक्ष चुनाव करवाया जाए।
वहीं पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान के खिलाफ चल रहे आजादी मार्च को लेकर बड़ा बयान दिया है। सेना ने दावा किया कि वह इमरान की अगुआई वाली सरकार और विपक्ष के बीच इस मार्च के लिए मध्यस्थता नहीं करेगी। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि आजादी मार्च एक राजनीतिक गतिविधि है और सेना का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
गफूर ने कहा कि पाकिस्तान सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए व्यस्त थी, जो जेयूआई-एफ की आजादी मार्च जैसी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थी। मेजर जनरल गफूर ने यह पूछे जाने पर कि क्या सेना प्रमुख पीटीआई के नेतृत्व में चल रहे में मध्यस्थता करेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, ‘हम राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मामलों में व्यस्त हैं और इन आरोपों का जवाब देना चाहते हैं।
हालांकि इससे पहले सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने दो नवंबर को एक टीवी इंटरव्यू में था कि पाकिस्तान सेना ने हमेशा कानून और संविधान के मुताबिक, लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों का समर्थन किया है।
पाकिस्तान में पिछले 6 दिनों से जारी आजादी मार्च का उद्देश्य इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर है, जिन्हें पाकिस्तान में सरकार बनाए अभी बस एक साल से अधिक का समय हुआ है। फजलुर रहमान उर्फ मौलाना डीजल के अनुसार, आजादी मार्च संविधान, लोकतंत्र और पाकिस्तान के लिए निकाला जा रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ हो रहा आजादी मार्च देश का सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन है। आजादी मार्च ने 2014 में नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान सरकार में धरना देने वालों की संख्या को पार कर दिया है।
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