न्यूज डेस्क
अयोध्या मामले पर जल्द फैसले आने के उम्मीद के बीच जहां सरकार और प्रशासन मुस्तैद हो गया है। वहीं बीजेपी ने अपने विधायकों और सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने का निर्देश दिया है। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक में अपने मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा है कि सभी को शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद करें। साथ ही पीएम ने नेताओं से बेवजह और भड़काऊ बयानबाजी न करने की अपील भी की है।
2. साथ ही, सत्ताधारी पार्टी व केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी यह संवैधानिक व कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस खास मौके पर लोगों के जानमाल व मज़हब के सुरक्षा की हर प्रकार की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें।
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2019
सरकार के साथ-साथ विपक्षी नेता भी अयोध्या प्रकरण स पहले सभी से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अयोध्या प्रकरण के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजकल में ही आने की संभावना है, जिसको लेकर जनमानस में बेचैनी व विभिन्न आशंकायें स्वाभाविक हैं। ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है कि वे कोर्ट के फैसले का हर हाल में सम्मान करें यही देशहित व जनहित में सर्वोत्तम उपाय है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी व केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी यह संवैधानिक व कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस खास मौके पर लोगों के जानमाल व मज़हब के सुरक्षा की हर प्रकार की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी मायावती ने कल ही अपने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद मायावती ने को-ऑर्डिनेटर मंडल और जोन व्यवस्था भंग कर दी है। इसकी जगह अब सेक्टर व्यवस्था लागू की जाएगी।
बसपा अब पूरे यूपी को चार सेक्टर में विभाजित करके काम करेगी और बूथ कमेटियों को मजबूत करने का काम किया जाएगा। मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के नेताओं से रिपोर्ट भी तलब की है।
बता दें कि हाल में ही हुए उपचुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी को 11 सीटों में से एक भी सीट नहीं हासिल हुई जिसके बाद मायावती पार्टी पदाधिकारियों से नाराज चल रही थीं। सूत्रों की माने तो इस बदलाव में बहुजन समाज पार्टी के नए चेहरों को भी जगह दी जा सकती है और बसपा सुप्रीमो की तरफ से पार्टी संगठन के स्वरूप में आमूलचूल परिवर्तन भी किया जा सकता है।
यूपी में बसपा ने चार सेक्टर बनाए हैं। दो सेक्टरों में 5-5 मंडल शामिल किए गए हैं। जबकि बाकी दो सेक्टरों में 4-4 मंडल रखे गए हैं। पहले सेक्टर में लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ को रखा गया है। जबकि दूसरे सेक्टर में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी हैं. तीसरे सेक्टर में इलाहबाद, मिर्जापुर, फैजाबाद और देवीपाटन हैं। जबकि चौथे सेक्टर में वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और बस्ती होंगे।
इन सभी चार सेक्टरों की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को दी जाएगी। उसी के मुताबिक हर नेता से कामकाज का हिसाब लिया जाएगा। मायावती ने यह भी साफ कर दिया है कि जो ठीक से काम नहीं कर सकते हैं वो अपनी जगह कहीं और देख लें।