न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है। शिवसेना के लिए मुख्यमंत्री पद अब प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। वहीं, बीजेपी अभी भी छुप्पी साधे हुई है। बीजेपी और शिवसेना की तरफ से लगातार बयानबाजी हो रही है, लेकिन अब तक दोनों दल किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं।
महाराष्ट्र में छिड़े सियासी घमासन को शांत करने के लिए बीजेपी आलाकमान ने नितिन गडकरी को जिम्मेदारी सौंपी है। माना जा रहा है कि नितिन गड़करी शिवसेना को मना लेंगे।
इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के सपनों पर पानी फेर दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार गठन पर चल रही खींचतान के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। एनसीपी के साथ दोस्ती बढ़ाकर अपनी ताकत दिखा रही शिवसेना को शरद पवार ने झटका देते हुए कहा कि सरकार गठन में उनका कोई रोल नहीं है। साथ ही पवार ने यह भी कहा कि शिवसेना और बीजेपी 30 सालों से गठबंधन में है, आज नहीं तो कल वे दोनों साथ आ जाएंगे।
शरद पवार ने कहा है कि जो राजनीतिक हालात हैं, उस पर कहने को कुछ नहीं है। हमें विपक्ष में बैठने का मौका मिला है। पवार ने कहा कि जिन्हें जनादेश मिला है, उन्हें चीजें सुधारनी चाहिए (सरकार बनानी चाहिए), ताकि हमें जो रोल मिला है उसे हम निभा सकें।
इससे पहले आज एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। जिसके बाद इस बात की चर्चा होने लगती थी कि क्या शिवसेना बीजेपी से गठबंधन तोड़ कर एनसीपी से दोस्ती कर सकती है और सरकार बना सकत है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन की खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है। हालांकि, इस मुलाकात के बाद गडकरी ने कहा कि यह मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर नहीं थी, बल्कि किसानों के मसले पर बातचीत हुई है।
वहीं, बीजेपी के प्रस्ताव वाले बयान पर शिवसेना ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर जो सहमति बनी थी उसी पर हमने चुनाव लड़ा था, उसी पर गठबंधन हुआ था। राउत ने कहा है कि कोई प्रस्ताव ना आएगा ना जाएगा, जो प्रस्ताव तय हुआ था सिर्फ उसी पे बात होनी चाहिए।