न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र में भयंकर प्रदूषण की स्थिति ने केन्द्र सरकार को झकझोर दिया है। सरकार ने कैबिनेट सचिव तथा उत्तर भारत के राज्यों के मुख्य सचिवों को चौबीसों घंटे प्रदूषण की स्थिति एवं उसे नियंत्रित करने के उपायों की सघन निगरानी के निर्देश दिये हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने दिल्ली एवं उत्तर भारत में छायी प्रदूषण वाली धुंध के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार देश के शीर्षतम नौकरशाह कैबिनेट सचिव इन राज्यों एवं राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र में वायु प्रदूषण की दिन प्रतिदिन की स्थिति पर निगरानी रखेंगे जबकि उन राज्यों के मुख्य सचिवों को भी अपने अपने राज्यों में वायु प्रदूषण तथा उसे नियंत्रित करने के उपायों पर चौबीसों घंटे पैनी निगाह रखने को कहा गया है।
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दम घोंटू वायु प्रदूषण से दिल्ली और एनसीआर के लोग ही परेशान नहीं है बल्कि रविवार को इसका असर उत्तर भारत के कई इलाकों, सड़कों पर और आसमान में भी साफ दिखा।
राजधानी में छिटपुट बारिश के बाद कोहरा सा छा जाने से दृश्यता पर खासा असर पड़ा तो हवाई यातायात भी बाधित हुआ। दृश्यता कम होने की वजह से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाली कम से कम 32 उड़ानों को दूसरे स्थानों पर भेजना पड़ा।
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वायु प्रदूषण से सड़कों पर लोग मास्क लगाए नजर आये। यही नहीं धुंध के कारण सड़कों पर वाहन चालकों ने गाड़ी चलाते समय लाइट जलाकर रखी। दिल्ली सरकार प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों में पांच नवंबर तक अवकाश का एलान कर चुकी है। अब नोएडा और गाजियाबाद में भी पांच नवंबर तक सभी स्कूल बंद रहेंगे।
दिल्ली में कल से वाहनों पर सम-विषम योजना भी लागू हो रही है जो 15 नवंबर तक चलेगी। इस दौरान वाहन के नंबर का आखिरी अंक सम होने पर यह सम तिथि को चलाने की अनुमति होगी।
उदाहरण के लिए यदि वाहन के नंबर का अंतिम अंक शून्य, 2, 4, 6 और आठ है तो इसे सम तिथि पर अर्थात 4, 6, 8, 10, 12, और 14 तारीख को चलाने की अनुमति होगी। विषम नंबर के वाहन को विषम तिथि पर चलाने की अनुमति रहेगी। इस बार सीएनजी वाहनों को भी इससे छूट नहीं दी गई।
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रविवार को एनसीआर का गाजियाबाद सबसे अधिक प्रदूषित रहा। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खतरनाक स्थिति 868 पर रहा। दिल्ली में यह आपातकाल स्थिति 625 ताे गुड़गांव में भी इसी श्रेणी में 737 है।
फरीदाबाद में कुछ राहत है, फिर भी यह खतरनाक श्रेणी में 501 एक्यूआई पर है जबकि नोएडा में आपातकाल स्थिति में 667 एक्यूआई पर है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में लगभग 300 टीमें मैदान में हैं। प्रदूषण पर काबू पाने के लिए आवश्यक मशीनरी राज्यों में वितरित की गई हैं। एनसीआर में सात औद्योगिक समूहों और प्रमुख यातायात गलियारों पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया है।
Today's meeting was attended by Principal Adviser to PM, Cabinet Secretary,& Secretaries from the Ministries of Agriculture, Environment, Forest & Climate Change, Cabinet Secretariat, CPCB Chairman, DG of IMD, Cabinet Secretaries of Delhi,Punjab& Haryana, & other senior officers. https://t.co/osbUhemsqJ
— ANI (@ANI) November 3, 2019
केंद्र सरकार निर्माण गतिविधियों के अलावा प्रदूषणकारी इकाइयों और कचरे को जलाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए है। पीएम के प्रधान सचिव ने पहले 24 अक्तूबर को स्थिति की समीक्षा की थी। चार अक्तूबर को इस विषय (वायु प्रदूषण) पर कैबिनेट सचिव द्वारा एक बैठक सहित आवश्यक तैयारी के लिए कई बैठकें की गईं थीं।