न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। झड़प पार्किंग को लेकर हुई। इस झड़प में गोली चलने से एक वकील के घायल होने की सूचना है, जिसे नजदीकी सेंट स्टीफेंस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। झड़प के बाद कोर्ट परिसर में खड़ी पुलिस वैन में आग लगा दी गई। घटना से नाराज वकीलों ने 4 नवम्बर को जिला अदालतों में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
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घटना के बाद पुलिस ने कोर्ट परिसर में लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज से कई वकीलों के चैंबरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। इस घटना के बाद पुलिस ने कोर्ट में प्रवेश करने वाले सभी गेटों को बंद कर दिया। न तो वकीलों को बाहर निकलने दिया जा रहा है और न ही वकीलों को अंदर आने दिया जा रहा है।
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घटना की दिल्ली बार काउंसिल ने कड़ी निंदा की है। दिल्ली बार काउंसिल के सचिव विष्णु शर्मा ने इसके लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
विष्णु शर्मा ने इसके दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने वकीलों पर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी द्वारा गोली चलाने की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस वकीलों के साथ बदतमीजी करती है।
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विष्णु ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और केंद्र सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने दिल्ली भर के वकीलों से इस मामले पर धैर्य और शांति बनाये रखने की अपील की है।
पुलिस का कहना है कि फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन पुलिस की गाड़ियों को आग जरूर लगाई गई है। अब तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार लॉक अप के बाहर तीसरी बटालियन की पुलिस और वकीलों के बीच पार्किंग विवाद को लेकर झगड़ा हो गया। पुलिस की यह बटालियन कैदियों को अदालत ले जाने का काम करती है।
विवाद के बाद वकीलों ने पुलिस अफसरों को पीट दिया और एसएचओ से भी हाथापाई कर ली। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का तो ये भी कहना है कि विवाद के हिंसक रूप लेने के बाद वकीलों को जो भी पुलिसवाला दिखा उसे उन्होंने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।