न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के जद्दोजहद के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। राउत ने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया है। उन्होंने कहा कि मैं यहां दिवाली की शुभकामनाएं देने आया था।
इस दौरान हमारी महाराष्ट्र की राजनीति पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना 50- 50 फॉर्मूले पर अड़ी है, जबकि भाजपा इसे सिरे से नकार चुकी है। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
वहीं, इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा के प्रति उनकी पार्टी के रुख में नरमी की खबरों को अफवाह बताया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा के साथ सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग कर रही है।
राउत ने कहा है कि शिवसेना के इस रुख में नरमी के लेकर मीडिया के एक वर्ग में आईं खबरें अफवाह हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, “ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना के रुख में नरमी आई है, उसने समझौता कर लिया है और सत्ता में पदों के वितरण में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग त्याग दी है।
Sanjay Raut, Shiv Sena: Met Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar at his residence today. I had come to wish him on the occasion of Diwali. We also discussed the politics in Maharashtra. (file pic) pic.twitter.com/AUuxC5WIRu
— ANI (@ANI) October 31, 2019
यह सब अफवाह है। यह जनता है जो सब कुछ जानती है। (भाजपा और शिवसेना के बीच) जो कुछ भी तय हुआ था वह होगा।” उन्होंने शिवसेना में संभावित फूट की खबरों को भी निराधार बताया।
राउत ने कहा, “जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि शिवसेना के 23 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं तो वे शायद आदित्य ठाकरे का नाम लेना भूल गए होंगे… और वे केवल 23 विधायकों का नाम ही क्यों ले रहे हैं, पूरे 56 विधायकों के नाम क्यों नहीं ले रहे ?”
बुधवार को संवाददाता को संबोधित कर रहे राउत ने यह कहते हुए शिवसेना के रुख में नरमी का संकेत दिया था कि महाराष्ट्र के व्यापक हित को देखते हुए पार्टी का भाजपा नीत गठबंधन में रहना जरूरी है।
राज्यसभा में शिवसेना के सदस्य राउत ने कहा था कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि राज्य के हित महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा था ‘‘शांतिपूर्वक निर्णय करने और राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय करने की जरूरत है।”