न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर काफी चर्चा में रहा। पड़ोसी देश पाकिस्तान की ओर से भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए। हालांकि, इस आरोप को अन्य देशों ने बेबुनियाद बताया।
इस बीच भारत की ओर से हर अंतरराष्ट्रीय मंच, विदेशी राष्ट्रप्रमुखों को जम्मू-कश्मीर के बारे में ब्रीफ किया गया। भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को आंतरिक मसला बताया और साथ ही पाबंदियों को सिर्फ एहतियात के तौर पर बताया गया।
अब जब कश्मीर में हालात सामान्य हो गए हैं और कई तरह की लगी पाबंदियों को हटा दिया गया है तो यूरोपियन संसद का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का ये पहला कश्मीर दौरा होगा।
दूसरी ओर भारत सरकार द्वारा यूरोपीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की इजाजत देने पर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़े किए हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा है कि ये भारत की राष्ट्रीय नीति से विपरित है और भारत सरकार को इस दौरे को तुरंत रद्द करना चाहिए।
I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU’s official delegation],to visit Kashmir area of J&K. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 28, 2019
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं हैरान हूं कि विदेश मंत्रालय ने कुछ यूरोपीय सांसदों के इस दौरे की व्यवस्था की है, वो भी तब जबकि ये EU का आधिकारिक दौरा नहीं है। ये राष्ट्रीय नीति के विपरीत है, भारत सरकार को इस दौरे को तुरंत रद्द करना चाहिए।’
सुब्रमण्यम स्वामी का ये ट्वीट उस समय सामने आया जब जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने से पहले सभी 28 सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद पीएमओ की ओर से कहा गया कि यूरोपीय सांसदों का भारत के कल्चर को जानना काफी खुशी का विषय है। PM मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई हिस्सों में दल का दौरा काफी सफल होगा, इस दौरान उन्हें भारत के कल्चर, यहां चल रहे विकास कार्यों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
Members of European Parliament call on PM @narendramodi at 7, Lok Kalyan Marg, New Delhi pic.twitter.com/j3TnoC4EVq
— PIB India (@PIB_India) October 28, 2019
जम्मू-कश्मीर जाने वाले यूरोपियन संसद के प्रतिनिधिमंडल में कुल 28 सदस्य होंगे। ये प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात करेगा। अभी तक भारत की ओर से किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी।
इन सदस्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को न्योता दिया गया था। इस पूरी विजिट को एक यूरोपियन NGO द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसमें अधिकतर इटालियन मेंबर हैं।
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद भारत ने दुनिया के बड़े देशों को अपना पक्ष रखा था, जिसमें सभी नियमों, पाकिस्तान के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को समझाया गया था। इस दौरान कई देशों को इस बारे में प्रेजेंटेशन दी गई, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को भी उजागर किया गया।
हालांकि, यूरोपियन संसद के सदस्यों का जम्मू-कश्मीर आना इस स्टेज का अगला हिस्सा है जो खुद कश्मीर जाकर वहां के हालात को देखना चाहते हैं। पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र, यूरोपियन संसद में इस मसले को उठाया गया था, जहां भारत ने दो टूक जवाब दिया था।
बताते चले कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को पंगु कर दिया था। इसके बाद से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले सभी विशेषाधिकार वापस ले लिए गए थे। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं, जैसे कि हजारों की संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती, स्थानीय नेताओं को नज़रबंद रखना, फोन-इंटरनेट की सुविधा को बंद कर देना।