न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हरियाणा में बहुमत के आंकड़े से कुछ कदमों की दूर पर है। विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में बीजेपी को कुल 40 सीटें मिली हैं, लेकिन सत्ता की कुर्सी पर फिर से पहुंचने के लिए 46 का जादुई नंबर चाहिए। ऐसे में अब सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है और बीजेपी ने अन्य निर्दलीय विधायकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
इसी संपर्क में एक ऐसा नाम सामने आया है, जो कभी विवादों का हिस्सा था और जिसपर हरियाणा में राजनीतिक बवाल हो चुका है। गोपाल कांडा, एक एयरहोस्टेस के आत्महत्या करने के मामले में वह जेल की सलाखों के पीछे जा चुके हैं और अब हरियाणा में किंगमेकर बनकर सामने आए हैं।
गोपाल कांडा ने बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है। साथ ही ये भी कहा है कि कई निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं जो कि बीजेपी को समर्थन देने को तैयार है। एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा हत्याकांड के आरोपी गोपाल ने हरियाणा लोकहित पार्टी के टिकट पर सिरसा से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की है।
बीजेपी को समर्थन करने के एलान करने के बाद गोपाल कांडा ने कहा कि उनका परिवार शुरू से बीजेपी और आरएसएस के समर्थन करता रहा है। लेकिन इस बीच ये सवाल उठने लगा है कि कभी गोपाल कांडा का विरोध करने वाली बीजेपी कैसे उनके साथ समझौता कर लेगी। राजनीतिक हल्कों में तो इस बात की भी चर्चाएं हैं कि गोपाल कांडा राज्य सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं? या सरकार में अहम भूमिका में होंगे।
बता दें कि गोपाल कांडा इस समय अपनी ही कंपनी की एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा खुदकुशी केस में आरोपी में हैं और उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और वह इस समय जमानत पर बाहर हैं।
पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र में कांडा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), धारा 471 (धोखाधड़ी), और उत्पीड़न सहित आईपीसी की कई अन्य धाराएं लगाई हैं। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 भी लगाई गई हैं। आरोप पत्र में कांडा पर गीतिका का गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया गया।
गीतिका (23 वर्ष) की लाश अशोक विहार स्थित अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा एवं उसकी कम्पनी में काम करने वाली एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद कांडा को गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कुछ सालों बाद गीतिका शर्मा की मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली। उन्होंने भी अपने पीछे छोड़े नोट में अपनी बेटी की आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को ही जिम्मेदार ठहराया।
साल 2016 में गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद कांडा के खिलाफ अवैध संपत्ति के मामले में भी आरोप लग चुका है। सिरसा से मात्र 602 वोटों से जीतने वाले गोपाल कांडा ने गुरुवार रात को ही बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है।
53 साल के हो चुके गोपाल कांडा किस्मत उस समय बदली जब जूतों-चप्पलों का कारोबार फेल होने के बाद साल 1998 में वह रियल एस्टेट के बिजनेस में कूदे। 2007 में उनकी कार से 4 वांटेड क्रिमिनल मिले तो केंद्र ने राज्य सरकार से जांच करने को कहा। साल 2009 में गोपाल कांडा ने नेशनल लोकदल की टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया।
लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते। उस चुनाव में हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था। तो गोपाल कांडा की किस्मत खुल गई और उन्हें मंत्री बना दिया गया। तब तक उन्होंने अपनी एयरलाइंस बना ली थी और उसी में गीतिका नौकरी करती थी। साल 2012 में गीतिका शर्मा ने खुदकुशी कर ली।