न्यूज डेस्क
देश में आर्थिक मंदी है और विपक्षी दलोंके निशाने पर केन्द्र सरकार है। हालांकि केन्द्र सरकार इसके लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। एक बार फिर मंदी के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि किसी खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ, इसे याद रखना बेहद जरूरी है। सीतारमण ने यह टिप्पणी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस आरोप के जवाब में की है जिसमें उन्होंने कहा था कि एनडीए सरकार हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दोष मढ़ने की कोशिश करती है।
गौरतलब है कि गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में यह बातें कही। उन्होंने कहा था कि अपने शासन में कुछ कमजोरियां जरूर थीं, लेकिन मोदी सरकार को प्रत्येक आर्थिक संकट के लिए यूपीए सरकार को दोष देना बंद करना चाहिए क्योंकि समाधान निकालने के लिए पांच साल का समय पर्याप्त होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मैं आरोप-प्रत्यारोप में नहीं उलझने की बात कहने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान करती हूं, लेकिन किसी बाद का संदर्भ समझाने के लिए किसी खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ, ये याद करना बहुत जरूरी है क्योंकि अब आरोप मुझ पर लग रहे हैं।’
गौरतलब है कि इससे पहले निर्मला सीतारमण ने न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके सबसे बुरे दौर में पहुंचाने के लिए मनमोहन सिंह और रघुराम राजन (रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर) की जोड़ी जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके समय में नेताओं के एक फोन कॉल पर ही कर्ज दे दिए जाते थे।
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