न्यूज डेस्क
यदि आपके घर में पुरानी कार, बाइक, फ्रिज, वाशिंग मशीन, एसी सहित अन्य इलेक्ट्रानिक सामान है तो इसे लेकर परेशान न हो। इसे बेंचने के लिए आपको कबाड़ी से मोलभाव करने की जरूरत नहीं है। बस थोड़ा सा इंतजार कीजिए, सरकार अगले सप्ताह स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी लाने जा रही है, जिसके तहत सरकार स्क्रैप बेचने पर इंसेंटिव देगी।
स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इसको अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस ड्राफ्ट में खास बात यह है कि पहले स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी सिर्फ गाडिय़ों के लिए थी, लेकिन इस बार इसमें एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन को भी शामिल किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पॉलिसी के तहत कई जगह स्क्रैपेज सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों में जाकर लोग अपना स्क्रैप बेच सकेंगे। इसमें सभी तरह के पुराने स्टील को शामिल किया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि सरकार स्क्रैप बेचने पर इंसेंटिव देगी। इसका मतलब है कि जितना वैल्यू का स्क्रैप निकेलगा उसमें सरकार का अलग से इंसेंटिव मिलेगा। ऐसे में उम्मीद है कि लोग स्क्रैप बेचने के लिए आगे आएंगे।
दरअसल सरकार नई स्क्रैपेज पॉलिसी के जरिए स्टील के आयात को कम करने पर भी जोर देना चाहती है। सरकार स्टील स्क्रैप प्लांट खोलेगी जहां पुराने स्टील को फिर से इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा। भारत में साल में करीब 60 लाख टन स्टील स्क्रैप का आयात किया जाता है। देश में मांग इससे भी ज्यादा है। नई स्क्रैप पॉलिसी से सप्लाइ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस पॉलिसी से उम्मीद की जा रही है कि इससे ऑटो कंपनियों को भी बूस्ट मिलेगी। एक अधिकारी के मुताबिक, कितनी राशि पर कितना इंसेंटिव दिया जाए, इस पर सरकार विचार कर रही है। जैसे ही इस पर सहमति बनती है इस पॉलिसी को सार्वजनिक कर दिया जायेगा।
अधिकारी के अनुसार इस पर संबंधित लोगों और विशेषज्ञ से राय ली जाएगी। फिर इसे लागू किया जाएगा। इसको लागू होने में 10 दिन का समय लग सकता है।
इस पॉलिसी का फायदा गिनाते हुए अधिकारी ने कहा, इससे यह फायदा होगा कि स्टील के पुराने स्क्रैपेज एक जगह जमा किए जा सकेंगे। इसके बाद उसकी रीसाइकिलिंग होगी। इसके अलावा, पुरानी गाडिय़ां भी सड़कों से बाहर हो जाएंगी। लोग पुरानी गाडिय़ां बेचकर नई गाड़ियांखरीदने के लिए आगे आएंगे, इससे ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
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