न्यूज़ डेस्क
उन्नाव रेप पीड़िता दुर्घटना मामले में सीबीआई ने अपने पहले आरोप पत्र में विधायक और उनके सहयोगियों जी पर से हत्या के आरोप हटा दिए। इस बात की जानकारी सीबीआई के अधिकारियों ने दी है। इस सड़क दुर्घटना में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
दरअसल विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल अपने पहली चार्ज शीत में FIR में नामजद कुलदीप सेंगर सहित अन्य आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने और डराने-धमकाने से जुड़ी IPC की धाराओं के तहत आरोपी बनाया है।
बता दें कि अपनी FIR में सीबीआई ने सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास और डराने-धमकाने से संबंधित IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता का जिस ट्रक से एक्सिडेंट हुआ उसके ड्राइवर आशीष कुमार पाल पर लापरवाही के चलते कई धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। इसमें किसी की मौत की वजह बनने, किसी की जान जोखिम में डालकर उसे गंभीर चोट पहुंचाने और लापरवाही से वाहन चलाने से जुड़ी धाराएं शामिल है। इसके अलावा आरोप पत्र में पाल के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप से बरी कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि भाजपा से निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर वर्ष 2017 में कथित रूप से नाबालिग के साथ बलात्कार का आरोप है। इस मुकदमे के सिलसिले में बीती 28 जुलाई को पीड़िता, उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे। तभी उनकी कार को एक ट्रक टक्कर मार दी थी।
इसमें पीड़िता की चाची व मौसी की मृत्यु हो गई थी। पीड़िता व उसका वकील गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। पीड़िता व उसके वकील को एम्स लाया गया था। पीड़िता ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था।
दिल्ली महिला आयोग को एक हफ्ते की मोहलत
दिल्ली महिला आयोग ने पीड़ित परिवार को आवास देने के लिए अदालत से सात दिन का समय मांगा था। आयोग का कहना था कि वह इस परिवार की रिहायश के लिए अच्छे विकल्प खोज रही है। दरअसल परिवार की तरफ से अदालत में कहा गया था कि अब वह उत्तर प्रदेश के अपने गांव नहीं जाना चाहते, क्योंकि उन्हें वहां जान का खतरा हो सकता है। इसके बाद अदालत ने इस परिवार को दिल्ली में घर देने का निर्देश महिला आयोग को दिए थे