न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस एक बार फिर से अपने उखड़े पांव जमाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर दी है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही संगठन को लेकर चिंतन-मनन में डूबी कांग्रेस ने आखिरकार यूपी में पार्टी का चेहरा ही बदल दिया।
हाईप्रोफाइल प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर के विकल्प के तौर पर जमीनी कार्यकर्ता अजय कुमार लल्लू पर भरोसा जताया है। अजय कुमार लल्लू कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं।
दस गुना छोटी कांग्रेस कमेटी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी पिछली कमेटी की अपेक्षा दस गुना छोटी है। पिछली कांग्रेस कमेटी लगभग 500 सदस्यों की थी, लेकिन नई कमेटी लगभग 40 से 45 सदस्यों की है। नई कमेटी के हर पदाधिकारी की खास जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है।
प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर से राज्य में पांव पसारने के लिए प्लान बना लिया है, जिस तरह उत्तर प्रदेश की हर घटानाओं पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इन दिनों सक्रिय हैं, लग रहा है कि कांग्रेस को संजीवनी मिल गई है।
ज्यादातर 40 से 45 साल की उम्र के
इसलिए ही प्रियंका गांधी अपनी टीम तैयार कर रही हैं, जिसमें युवाओं की बड़ी भागीदारी नजर आ रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू खुद 40 साल के हैं और उनकी टीम के सदस्य भी ज्यादातर 40 से 45 साल की उम्र के ही हैं। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस की युवा टीम क्या पार्टी का खोया हुआ जनाधार वापस दिला पाएगी।
साथ ही प्रदेश की टीम में खांटी कांग्रेसियों का मोह छोड़ते हुए नए या दूसरे दलों से आए ‘उपयोगी’ कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है। पिछड़ों को भरपूर प्रेम के साथ ही जातीय संतुलन के साथ कांग्रेस ने उम्मीदों की डगर पर कदम रखा है।
‘टीम यूपी’ तैयार
यूपी में अगले विधानसभा चुनाव पर नजर जमाए कांग्रेस ने लंबे समय तक चले विचार-मंथन के बाद ‘टीम यूपी’ तैयार की है। प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह सहित कुछ और नाम भी चल रहे थे लेकिन, कुछ समय से राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के भरोसेमंदों में शामिल कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू सबसे अधिक चर्चा में थे।
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आखिरकार लल्लू पर ही भरोसा जताया। लल्लू पिछड़ी जाति से हैं। यूपी कांग्रेस कमेटी में जातीय समावेशी फामरूले को खास तौर पर साधा गया है। कमेटी में सवर्ण, पिछड़े, दलित और मुस्लिमों की संतुलित भागीदारी रखी गई है। 12 महासचिवों की टीम इसकी साफ तस्वीर दिखाती है।
दूसरे दल से आए नेताओं पर ज्यादा भरोसा
खास बात है कि अब तक सिर्फ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपती रही कांग्रेस ने इस बार सोच बदली है। युवाओं के साथ-साथ पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को संगठन का जिम्मा थमाया है, जो दूसरे दलों से आए हैं। चार उपाध्यक्षों में वीरेंद्र चौधरी बसपा से आए तो दीपक कुमार सपा में मंत्री रहे हैं। महासचिवों में राकेश सचान सपा छोड़कर आए हैं तो सपा से आईं कैसर जहां अंसारी व शाहनवाज आलम को सचिव बनाया गया है।
सलाहकार परिषद में स्थान पाने वालों में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा में मंत्री रहे हैं। वहीं, वर्किंग ग्रुप में शामिल किए गए राजकिशोर सिंह भी पार्टी में नए हैं। कांग्रेसियों में भी कई ऐसे चेहरे हैं, जिनमें से तमाम से तो संगठन के वर्तमान पदाधिकारी ही अनजान हैं।
18 सदस्यों की सलाहकार परिषद गठित
उत्तर प्रदेश में पार्टी को खड़ा करने की कोशिश में जुटी प्रियंका गांधी की मदद के लिए 18 सदस्यीय सलाहकार परिषद का भी गठन किया गया है। इसमें अजय राय, अजय कपूर, मोहसिना किदवई, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर, प्रमोद तिवारी, प्रवीण ऐरन, पीएल पूनिया, आरपीएन सिंह, रंजीत सिंह जूदेव, राजेश मिश्र, राशिद अल्वी, सलमान खुर्शीद, संजय कपूर, विवेक बंसल और जफर अली नकवी शामिल हैं।
वर्किंग ग्रुप भी किया गया गठित
पार्टी ने रणनीति और योजना पर काम करने वाले एक आठ सदस्यीय वर्किंग ग्रुप का भी गठन किया है। इसमें जितिन प्रसाद, आरके चौधरी, राजीव शुक्ला, इमरान मसूद, प्रदीप जैन आदित्य, राजाराम पाल, ब्रजलाल खाबरी, राज किशोर सिंह जैसे कई वरिष्ठ नेताओं को रखा गया है।
ये संभालेंगे उपाध्यक्ष का पद
वीरेंदर चौधरी (संगठन-पूर्व), पंकज मलिक (संगठन-पश्चिम), ललितेश त्रिपाठी (फ्रंटल संगठन, सेल और विभाग-एनएसयूआइ, ओबीसी, किसान और महिला), दीपक कुमार (फ्रंटल संगठन, सेल और विभाग-सेवा दल, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक)।
ये होंगे महासचिव
आलोक प्रसाद पासी, विश्व विजय सिंह, चौधरी धूरम लोधी, राकेश सचान, यूसुफ अली तुर्क, अनिल यादव, राजीव त्यागी, विरेंदर सिंह गुड्ड, योगेश दीक्षित, राहुल राय, शबाना खंडेलवाल, बदरुद्दीन कुरैशी।
इनको बनाया गया सचिव
गुरमीत भुल्लर, विदित चौधरी, राहुल रिछारिया, देवेंद्र निषाद, मोनिंदर सूद वाल्मीकि, विवेकानंद पाठक, देवेंद्र प्रताप सिंह, ब्रrास्वरूप सागर, कैसर जहां अंसारी, रमेश शुक्ला, धीरेंद्र सिंह धीरू, सत्य संयम, प्रेम नारायण पाल, सरिता दोहरे, शहनवाज आलम, कनिष्क पांडेय, अमित सिंह दिवाकर, कुमुद गंगवार, राकेश प्रजापति, मुकेश धनकर, हरदीपक निषाद, जीतलाल सरोज, सचिन चौधरी और प्रदीप कुमार कोरी।