सैय्यद मोहम्मद अब्बास
अभी कुछ दिन पहले की बात है जब रोहित शर्मा को टेस्ट टीम से निकाल दिया गया था। वो भी तब जब रोहित शर्मा विश्व कप में शतक पे शतक लगाकर अपना लोहा मनवा चुके थे। जानकारों ने कहा कि रोहित शर्मा शायद टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं बने हैं। उनका कमजोर खेल टेस्ट में एक्पोज हो जाता है। आलम तो यह रहा है कि उनकी बल्लेबाजी टेस्ट क्रिकेट दोयम दर्जे जैसी नजर आने लगती है। इतना ही नहीं पांच दिन की क्रिकेट में उनका पैर और फुटवर्क एकदम काम नहीं करता है।
ऐसे में तेज विकेट पर उनकी बल्लेबाजी की कलई खुलते देर नहीं लगती है लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जो खिलाड़ी लगातार टेस्ट क्रिकेट से उपेक्षा का शिकार हो रहा हो उसे लेकर कप्तान कोहली ने बड़ा फैसला लेते है। कोहली ने रोहित शर्मा से टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजी कराकर उनके टेस्ट क्रिकेट को नया जीवनदान देने का काम किया है।
ये ठीक वही फैसला लग रहा है आज से कुछ सालों पूर्व जब सौरभ गांगुली ने खराब फॉर्म में चल रहे वीरू को बतौर सलामी बल्लेबाज खेलाने का फैसला लिया। ठीक उसी के बाद साल 2012 में धोनी ने वन डे क्रिकेट रोहित को मध्यक्रम से हटाकर ओपनिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। आज एक बार फिर विराट कोहली ने रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में अव्वल साबित करने के लिए उन्हें मध्यक्रम में नहीं बल्कि सलामी बल्लेबाज के तौर पर मौका दिया है।
रोहित शर्मा ने विराट कोहली के इस फैसले को सही साबित करते हुए पहली बार सलामी बल्लेबाज के तौर पर शतक जड़कर अपने फैंस के चेहरे पर एक और खुशी दे दी है।
वन डे में अव्वल लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सुपर फ्लॉप
रोहित शर्मा वन डे क्रिकेट में विराट कोहली जैसेबल्लेबाज को भी कड़ी चुनौती देते नजर आ रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी काबिलियत सवालों के घेरे में आ जाती है। वन डे क्रिकेट में उन्होंने 218 मुकाबलों में 8686 रन बनाये हैं। इतना ही नहीं उन्होंने 27 शतक जड़े हैं। कहा तो यह भी जाता है कि जिस दिन रोहित शर्मा का बल्ला चला उस दिन गेंदबाजों की खैर नहीं है। दूसरी ओर टेस्ट क्रिकेट में इसके उलट उनका प्रदर्शन है। रोहित शर्मा ने अब तक 27 टेस्ट खेले है और केवल 1585 रन बनाये हैं और केवल तीन शतक ही जड़े थे।
क्यों है वन डे क्रिकेट में खतरनाक
रोहित शर्मा की बल्लेबाजी की खास बात यह है कि जब वह रंग में होते है तो दुनिया की खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण को औसत दर्जे का बना देते थे। विदेशी पिचों खासकर टेस्ट क्रिकेट उन्हें अपनी काबिलियत साबित करनी होगी। रोहित शर्मा ने आखिरी टेस्ट मैच 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला था। जिसमें उन्होंने 68 रन रन की पारी खेली थी।
विराट और चयनकार्ता के भरोसे पर खरे उतरे
हाल में ही वेस्टइंडीज दौरे पर केएल राहुल ने 25.25 औसत से 4 पारियों में कुल 101 रन बनाए थे। इसके बाद यह तय किया गया कि उनको टेस्ट क्रिकेट से आउट किया जाये और नई सलामी बल्लेबाज की तलाश की जाये तो फिर तय किया गया बतौर सलामी बल्लेबाजी रोहित शर्मा पर क्यों न दांव लगाया जाये।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने जोड़ीदार मंयक के साथ भारत को मजबूत शुरुआत दी और 84 गेंदों में पचासा लगाया। इसके बाद यही नहीं रूके उन्होंने 154 गेंदों पर शतक ठोंकर अपने चयन को सही साबित कर दिया है। रोहित शर्मा वन डे के अंदाज में उसी सहजता से तूफानी शॉट्स मारते नजर आये जो वो करते आये हैं।
रोहित शर्मा ने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी मेहनत, प्रैक्टिस और प्रतिबद्धता से ही वह टेस्ट क्रिकेट में भी अव्वल साबित हो सकते हैं। अब देखना होगा उनका ये शतक उनके टेस्ट करियर की उड़ान देने में कितना असरदार होता है।