न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है, वह भी अंतरराष्ट्रीय मंच से। इमरान ने वैश्विक मंच से खुलेआम कहा कि एक बार फिर पुलवामा जैसा हमला होगा। खान ने कहा कि भारत को कश्मीर से कर्फ्यू हटाना ही चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के पीएम ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर हमला करते हुए कश्मीर में खून-खराबे की गीदड़भभकी दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने यूएन के प्रस्ताव के खिलाफ कश्मीर में काम किया। बिना सोच-विचारे कश्मीर पर फैसला लिया गया। कश्मीर से कर्फ्यू हटते ही खून-खराबा होगा।
खान ने बालाकोट और पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। हमले के सबूत देने के बजाय भारत ने हम पर बम बरसाए। उन्होंने कहा कि भारत ने 350 आतंकवादियों को मारने का दावा किया, जो पूरी तरह झूठ है।
इमरान ने कहा कि हमने भारत का पायलट लौटा दिया लेकिन इसे उन्होंने कमजोरी के रूप में लिया गया।
इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि 9/11 हमले से पहले दुनिया में सबसे ज्यादा सुसाइड अटैक तमिल टाइगर्स ने किए, लेकिन इसके लिए किसी ने हिंदू धर्म को जिम्मेदार नहीं माना।
पाक पीएम ने कहा कि हमने सत्ता में आते ही देश की शांति के लिए काम किया। मुजाहिद्दीन अमेरिका की मदद से तैयार हुए। हमने आतंक के खात्मे के लिए कदम उठाए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए 50 मिनट भाषण दिया, जबकि महासभा में सभी नेताओं को अपनी बात रखने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है।
अपने 50 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री इमरान खान ने 71 बार मुस्लिम, इस्लाम और इस्लामोफोबिया का जिक्र किया, जबकि 28 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया।
खान के भाषण में पाकिस्तान और कश्मीर शब्द 25 बार आए, जबकि भारत शब्द का इस्तेमाल 17 बार हुआ। इसके अलावा उन्होंने 14 बार मनी, 11 बार 9/11 हमला, 12 बार मोदी, 12 बार आरएसएस, 8 बार यूएन, 6 बार अफगानिस्तान, 6 बार हिंदू, 6 बार अल्पसंख्यक, 10 बार मानवाधिकार, 6 बार वाटर और ग्लेशियर, 5 बार कर्फ्यू, 5 बार खूनखराबा, 2 बार शांति, 3 बार युद्ध, 2 बार परमाणु बम, 2 बार बलोचिस्तान, दो बार पुलवामा, एक बार रोहिंग्या मुस्लिम, एक बार अभिनंदन, एक बार बालाकोट, एक बार कुलभूषण जाधव समेत अन्य शब्दों का इस्तेमाल किया।
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